बरेली: बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं की टीएमसी ने उठाई आवाज

बरेली। बांग्लादेश में सत्ता का तख्तापलट होने के बाद अराजक कट्टरपंथी समूहों द्वारा वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाने पर लेने के विरोध में यहां आवाजें उठने लगी हैं। भारत के मुस्लिम संगठन भी इस मामले में बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। तहरीक ए मदारियत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सैय्यद इंतखाब आलम ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन यहां प्रशासन को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। अराजक कट्टरपंथी समूह लूटपाट और हिंसा कर रहे हैं। वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के धर्म स्थलों को तोड़ा व नष्ट किया जा रहा है। बहन बेटियों की अस्मत खतरे में है। हालांकि बहुत सी जगह पर मदरसे के छात्र और वहीं के कई लोग रक्षा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं लेकिन वहां की स्थिति को लेकर उनका संगठन चिंतित है।

ज्ञापन में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आलम ने कहा है कि भारत सरकार बांग्लादेश व अन्य देशों में अपने संबंधों का प्रयोग कर अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करे तथा संयुक्त राष्ट्र संघ व मानवाधिकार संगठन जैसे मंचों के माध्यम से अराजक भीड़ से बांग्लादेशी हिंदू भाई बहनों की रक्षा का उपाय करे। तहरीक एक मदारियत काउंसिल देश की एक प्रमुख सूफी दरगाह जिंदा शाह मदार को मानने वालों का एक संगठन है तथा बड़ी संख्या में इस सिलसिले को मानने वाले हैं।

ज्ञापन देने वालों में मुनीर आलम, हाजी ताहिर अली, रफत आलम, शहकार आलम आदि शामिल रहे। आमतौर पर मुस्लिम मामलों में मुस्लिम संगठन और हिंदू मामलों में हिंदू संगठनों की आवाजे ही सुनाई देती हैं मगर बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं की आवाज उठाकर टीएमसी ने एक बेहतर संदेश देने का काम किया है। प्रशासन की ओर से यह ज्ञापन राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। इसके अलावा अन्य कई संगठनों ने भी सरकार से इस मामले में प्रभावी दखल देने की मांग की है। कई जगह प्रदर्शन भी किए गए हैं।

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