बरेली। आंवला में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में हो रही घोर लापरवाही आदि की समस्याओं को लेकर भारतीय जनता मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष सैय्यद अकबर अली के नेतृत्व में दिए ज्ञापन में बताया कि नगर में फर्जी निजी अस्पतालों का मकड़जाल फैला हुआ है आए दिन किसी न किसी रूप में मरीजों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अधिकारी दिखावटी कार्यवाही करते हैं और थोड़े समय में ही स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई करने की चेतावनी धड़ाम हो जाती है और उनका व्यवसाय जोरों पर चलने लगता है ऐसा ही मामला नगर के एक निजी अस्पताल का है जिसे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रजिस्ट्रेशन पंजीकरण न होने पर सीज कर दिया था।
परंतु अपना सभी कार्य वह घर से कर रहे हैं और जिसका साक्ष्य अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट भी है। लोगों ने बताया जीजीआईसी कॉलेज के सामने अपने घर पर सारी स्वास्थ्य सेवाएं चला रहे हैं। भारतीय जनता मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया अस्पताल जब सीज है तो 18 जून को अल्ट्रासाउंड किसने भेजा इसका मतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंक कर जच्चा बच्चा संबंधी कार्य किए जा रहे हैं।
भारतीय जनता मजदूर संघ ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करता है। वही आंवला नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी आरोप लगाया उन्होंने कहा कि प्रभारी अधीक्षक की सांठगांठ से भारी अनियमित्ताओं को अंजाम दिया जा रहा है। बाहर किसी प्राइवेट अस्पताल में या घर पर होने वाली डिलीवरी दो-तीन महीने के बाद भी पैसे लेकर सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कर दी जाती है। इसके बारे में प्रभारी अधीक्षक से कई बार शिकायतें की जा चुकी है। परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसमें प्रतीत होता है कि प्रभारी अधीक्षक भी लिप्त है। यहां पर मौजूद डॉक्टर गरीब मजदूर मरीजों को सरकारी अस्पताल से दवा न देने देकर बाहर की दवा लिख देते हैं, और मोटा कमीशन वसूलते हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भीषण गर्मी के चलते आने वाले रोगियों को पीने के पानी की व्यवस्थाएं ठप है। मरीज प्यासा भटकता रहता है जबकि उच्च अधिकारियों के कड़े आदेश है कि भीषण गर्मी में पानी की व्यवस्थाएं सुचारु की जाए। परन्तु सीएचसी आंवला के प्रभारी अधीक्षक सहित स्टाफ सरकार के आदेश और योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। तो वहीं 108 और 102 सरकारी एंबुलेंस भी खाली खड़ी रहती है लखनऊ से फोन आने पर व्यस्त दिखा देते हैं घटना दुर्घटना होने पर फोन करने के बाद भी घंटों तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती। तो वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टाफ के द्वारा जमकर राजनीति की जाती है और बाहर के लोगों को बदनाम किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सभी कार्यों में प्रभारी अधीक्षक पूरी तरह लिप्त है।
इससे पहले भी आंवला प्रभारी अधीक्षक सरकारी अस्पताल मझगवां में एक मामले में लिप्त होने के कारण कानूनी दांव पेंच में फंस चुके हैं। जिसमें सांठगांठ कर मामला निपटा लिया गया था। उक्त सभी समस्याओं को लेकर लिखित और मौखिक कई बार उच्च अधिकारियों तक शिकायतें की जा चुकी है। परंतु कोई कार्यवाही विभाग के द्वारा नहीं की गई है। तो वहीं जानवरों के काटने पर लगने वाले लोगों के आधार कार्ड लेकर आयुष्मान कार्ड से भर्ती दिखा देते हैं और उनके पैसे काट लिए जाते हैं सोचने की बात ये है कि मरीज को पता ही नहीं होता है। भारत सरकार की इस योजना को भी पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर उक्त समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण नहीं किया गया और कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो हमारा संगठन धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होगा। इस दौरान भारतीय जनता मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष सैय्यद अकबर अली, संगठन के महासचिव रामादीन सागर, ताहिर, आमिर, अमानत, अरशद, रोहित, सरताज आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।