सस्पेंस और कयासों पर विराम……बिरला का लोकसभा अध्यक्ष बनना तय !


भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की भी चर्चा

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा में अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चल रहे सस्पेंस और कयासों पर विराम लगाता दिख रहा है। मोदी सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार ओम बिरला का फिर से लोकसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। वहीं एनडीए के सहयोगी दलों टीडीपी और जेडीयू में से किसी एक के नेता को लोकसभा उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। 24 जून से शुरू होने वाले नई लोकसभा के पहले सत्र में 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा के बिरला के निवास पर पहुंचकर देर रात्रि तक बैठक की। वहीं केंद्रीय संसदीय मंत्री किरण रिजूजू ने भी ओम बिरला से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी 7 की बैठक से लौटने के बाद से ही नए लोकसभा अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मामले में आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी दी है।


इधर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने परपंरा का हवाला देकर उपाध्यक्ष का पद प्रतिपक्ष को देने की मांग रखी है और ऐसा नहीं होने पर अध्यक्ष पद के लिए भी स्वयं का उम्मीदवार उतार कर चुनाव करवाने की बात कही है। मीडिया ग्रुप आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दग्गुबती पुरंदेश्वरी का नाम भी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चला रहे है। वे दक्षिण के दिग्गज नेता एन टी रामाराव की पुत्री और टीडीपी नेता एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू की साली है, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों भाजपा से ही बनाना तर्क संगत नहीं लग रहा है। उधर कुछ मीडिया खबरों में बिरला को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की खबरे भी आ रही है। वर्तमान अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है लेकिन किसी संवैधानिक पद पर रहे नेता को पुनः अध्यक्ष बनाने अथवा कैबिनेट मंत्री बनाने के उदाहरण मिलते है लेकिन पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने का उदाहरण नहीं मिलता। अब तक कांग्रेस के नीलम संजीव रेड्डी और बलराम जाखड़ के दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनाने का इतिहास अवश्य रहा है।


वैसे बिरला विगत बीस वर्षों में पहले लोकसभा अध्यक्ष है जोकि पुनः चुनाव जीत कर आए है, अन्यथा कई स्पीकर रिपीट नहीं हुआ है। इसके साथ ही बिरला ने एक मिथक को तोड़ दिया है तथा दो दशक के बाद फिर चुनाव जीतने वाले लोकसभा अध्यक्ष बन गए हैं। बिरला ने इस बार जीत की हैट्रिक लगाई है। लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित होने वाले अंतिम लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा थे, जो 1996 से 1998 तक 11वीं लोकसभा के पीठासीन अधिकारी थे। तब कांग्रेस के सदस्य रहे संगमा 1998 के लोकसभा चुनाव में मेघालय के तुरा से फिर से निर्वाचित हुए थे।


इसके बाद जीएमसी बालयोगी अक्टूबर 1999 में जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता बालयोगी को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। 3 मार्च, 2002 को एक हेलिकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया। बालयोगी के निधन के बाद वाजपेयी की सरकार में शिवसेना नेता मनोहर जोशी को स्पीकर चुना गया, लेकिन जब 2004 में लोकसभा सभा के चुनाव हुआ, जोशी मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से अपना चुनाव हार गए। इसके कारण भी वे संसद नहीं पहुंच सके।


बिरला के नाम एक और भी रिकॉर्ड दर्ज हो गया है, जिसके टूटने की हाल-फिलहाल कोई संभावना नहीं दिखाती हैं। ये रिकार्ड है उनके द्वारा संसद के पुराने और नए भवन में लोकसभा की अध्यक्षता करने का। सत्रहवीं लोकसभा में उनके अध्यक्ष रहने के दौरान दिसंबर 2023 में लोकसभा से बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित करने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था।
इतना ही नहीं बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता माना जाता है। भाजपा की युवा शाखा के लिए उन्होंने सालों काम किया और इस दौरान भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए। इनमें तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं। इस कारण शाह व मोदी ने जून 2014 में सभी को चौंकाकर लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया। लोकसभा अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले बिरला राजस्थान मूल के पहले नेता हैं। इससे पहले बलराम जाखड़ 1980 से 1989 तक इस पद पर रहे, जो 1980 में पहले फिरोजपुर और बाद में 1984 में राजस्थान के सीकर से सांसद थे

। राजनीतिक जानकारों के अनुसार बिरला छात्र जीवन से ही संघ से जुड़ गए। इसके बाद वे बीजेपी युवा मोर्चा से जुड़े रहे और जिला व राज्य स्तर पर उसकी अगुवाईकी। बिरला ने 2003 में विधानसभा चुनाव में कोटा दक्षिण सीट पर कांग्रेस के दिग्गज शांति धारीवाल को हराकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी में बिरला का कद लगातार मजबूत हुआ। 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने उन्हें कोटा सीट से लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। बिरला ने मौजूदा सांसद इज्यराज सिंह को हराया। वहीं 2019 के आम चुनाव में बिरला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 279677 मतों से हराया। ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को हुआ। उनके पिता श्रीकृष्ण सरकारी सेवा में थे तो मां शकुंतला घर संभालती थीं। 62 वर्षीय बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि एवं कर्मभूमि दोनों ही रही है।

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