रुद्रपुर। गायत्री पांडे वर्तमान में राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर ऊधमसिंहनगर में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। वह 19 वर्षों पूर्व जब सरकारी सेवा में आईं, तभी से ही गरीब तथा अपवंचित बच्चों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह इसके पहले पब्लिक स्कूल में भी काफी समय तक पढ़ा चुकी हैं, लेकिन जो चैलेंज सरकारी स्कूल में मिला, उसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और अपने बलबूते पर बच्चों के लिए हरसंभव प्रयास कर बच्चो को आगे बढ़ाया। इनके द्वारा पढ़ाई दो बच्चियों का जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रपुर में चयन हुआ। इनके अथक परिश्रम से बच्चे हर बार सांस्कृतिक तथा खेलकूद प्रतियोगिताओं में राज्य स्तर तक पहुंचते हैं तथा मेडल प्राप्त करते हैं।
बताते चलें कि सन 2016 में तत्कालीन जिला जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता ने कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षित कर मुख्यधारा में जोड़ने के उद्देश्य से मिशन आगाज नाम की संस्था का उद्घाटन किया था। उसमें गायत्री पांडे ने एक अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने स्कूल की छुट्टी के बाद जाकर तीन घंटे तक बच्चों को शिक्षा दी तथा 3 महीने इस तरह की शिक्षा देने के बाद इनको अपने विद्यालय में एडमिशन दिया। सभी बच्चों ने इनके मार्गदर्शन में लगन से पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जिले स्तर पर भी कई पुरस्कार प्राप्त किए।
गायत्री बताती हैं कि अभी भी अक्षत गुप्ता के मिशन आगाज के तहत हर साल इस तरह के अपवंचित बच्चों को चिह्नित कर जोड़ा जाता है तथा विद्यालयों में उनका एडमिशन कराया जाता है। कुछ बच्चे 12वीं क्लास पास कर चुके हैं उनमें अजरा और इकरा ने अभी हाल ही में 12वीं में 71 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपना तथा मिशन आगाज का नाम रोशन किया। इसी तरह कुछ बच्चे 9वीं कक्षा में भी पहुंच गए हैं।
गायत्री पांडे स्कूल की छुट्टी के बाद तथा अवकाश के दिनों में इन बच्चों के मोहल्ले में जाती हैं तथा इनको पढ़ाती हैं। इनकी दो बाल काव्य संग्रह की किताबें ‘बालमन’ तथा ‘चंद्रयान-3’ प्रकाशित हो चुकी हैं।