बरेली। हमेशा सुर्खियों में रहने वाले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति का मामला फिर से सुर्खियों में है। प्रोफेसर उपेंद्र कुमार की नियमों के खिलाफ नियुक्ति पर राजभवन और शासन ने जांच बैठा दी है। इस मामले में कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी ने कुलपति को पत्र लिखकर तथ्यों के परीक्षण व नियमानुसार कार्रवाई करने और इसकी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। राजभवन ने कुलपति प्रो. केपी सिंह को नियमानुसार आवश्यक कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं शासन ने कुलसचिव से तथ्यों के आधार पर आख्या मांगी है। जांच में दोषी सिद्ध होने पर कार्यवाही की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक नियमानुसार प्रोफेसर से रिकवरी का भी प्रावधान है।
एक साल में फर्जी नियुक्ति की दो शिकायत
विश्वविद्यालय में इस वर्ष दूसरी नियुक्ति की शिकायत की गई है। आपको बता दें इससे पहले इतिहास विभाग के शिक्षक की भर्ती नियम विरुद्ध करने की शिकायत की गई थी। मामले में दो सदस्यीय समिति ने जांच में नियुक्ति को ठीक माना था। इधर, हरुनगला निवासी जितेंद्र कुमार ने 22 अप्रैल को आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत में प्रो. उपेंद्र की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।
जरूरी योग्यता नहीं होने के बाद भी नियुक्ति देने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति प्रो. केपी सिंह ने पादप विज्ञान विभाग में अपने गृह क्षेत्र के उपेंद्र कुमार को जरूरी योग्यता नहीं होने के बाद भी नियुक्ति दे दी। साथ ही कहा कि भर्ती के दौरान नियमों को दरकिनार किया गया। यूजीसी रेगुलेशन 2018 के प्रावधानों का उल्लंघन कर उन्हें सहायक आचार्य से सीधे आचार्य पद पर तैनात किया गया है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रो. केपी सिंह जब हिसार कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति थे तो वहां उपेंद्र को सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया था। अब इस मामले में राजभवन की ओर से रिपोर्ट मांगी गई है।
आरोप है कि शिक्षक का 10 साल का अनुभव सहायक आचार्य के समकक्ष वेतनमान में नहीं है। इसके अलावा पूर्व सेवा का लाभ निरंतर सेवा पर ही अनुमन्य होता है, जबकि उपेंद्र कुमार का उत्तराखंड काउंसिल फॉर बायोटेक्नोलॉजी से सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के बीच में सर्विस ब्रेक है और शिक्षक जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो की तरह थे।
अब इस मामले में कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी ने कुलपति को निर्देश दिए कि प्रत्यावेदन में लिखित तथ्यों का परीक्षण कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें और इसकी रिपोर्ट सचिवालय को उपलब्ध कराएं। वहीं विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने कुलसचिव से स्पष्ट और तथ्यात्मक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।