सत्ता संग्राम : राजा भैया के इस फैसले से हर दल में बढ़ी हलचल!

क्षमादान पर घमसान, कहीं सपा को आशीर्वाद तो नहीं दे रहे राजा भैया!

सपा नेता इंद्रजीत सरोज पर दर्ज हुए मुकदमे में दिया अभयदान का मामला सुर्खियों मे
कुण्डा, प्रतापगढ़। राजा भैया से जुड़ी एक एक गतिविधि मीडिया की सुर्खियों मे आ जाती है, वो चाहे किसी को दिया समर्थन हो या विरोध या क्षमदान हो। 2019 के लोकसभा चुनाव मे सपा प्रत्याशी रहे इंद्रजीत सरोज की बदजुबानी पर उनके खिलाफ दर्ज हुए मानहानि के मुकदमे मे राजा भैया द्वारा दिया गया क्षमादान एक बार सुर्खियाँ बन गया है।


ताजा मामले मे लोगों द्वारा मनगढंत बाते चर्चा बन गयी है जबकि मामला सिर्फ उन्हे माफ़ कर देने भर का है। पिछले लोकसभा चुनाव मे सपा नेता ने राजा भैया पर व्यक्तिगत टीका टिप्पणी किया तो उनके कानूनी सलाहकार हनुमान पांडे ने सपा नेता के खिलाफ परिवाद दाखिल कर दिया जो अभी तक विचाराधीन था और न्यायालय उसकी सुनवाई कर रहा था। इसी बीच 2024 के लोकसभा चुनाव मे इंद्रजीत सरोज के बेटे को समाजबादी पार्टी ने कौशाम्बी से अपना उम्मीदवार बनाया। इंद्रजीत सरोज के पुत्र पुष्पेंद्र सरोज प्रत्याशी बनने के बाद अभी तीन दिन पहले राजा भैया से उनका आशीर्वाद लेने उनके बेंती महल पहुचे और राजा भैया के साथ मीटिंग किया। जैसा की सभी जानते है कि भाषा की मर्यादा और मंच की गरिमा के लिए जगप्रसिद्ध राजा भईया अपने यहाँ आने वाले हर आम और खास से न सिर्फ दिल खोलकर मिलते बल्कि उनकी हर संभव मदद भी करते हैं। सपा प्रत्याशी की मुलाक़ात के अगले दिन राजा भैया ने जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं के साथ समर्थन के मुद्दे पर एक मीटिंग भी किये थे। जहां उन्होंने अपने समर्थकों को इस चुनाव मे फ्री हैण्ड करते हुए अपने विवेक से अपनी पसंद के प्रत्याशी को वोट देने की बात कही, मुलाक़ात दौरान सपा प्रत्याशी ने अपने पिता के पूर्व व्यवहारों पर क्षमा याचना किया कि पिता के उन बातों पर हम आपसे माफ़ी चाहते है। राजा भैया ने एक बार फिर बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हे आश्वस्त किया और उसके अगले दिन उनके कानूनी सलाहकर ने उक्त मुकदमे की वापसी के लिए न्यायालय मे लिखा पढ़ी कर उसे समाप्त करने की दिशा मे कार्य शुरु कर दिया।

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