सीतापुर में नृशंष हत्याकांड : गुनहगार भाई को घर ले जाकर कराया क्राइम सीन रिक्रिएट, बच्चों के वजन के बराबर…

अगर भाई ने गुनाह कर लिया कबूल तो पुलिस क्यों नहीं कर रही खुलासा

-बच्चों के वजन के बराबर की बोरियां छत से नीचे फेंकवाई


महमूदाबाद, सीतापुर। रामपुरमथुरा के पाल्हापुर में हुए नृशंष हत्याकांड में छह लोगों की मौत के मामले में पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नही पहुंची है। हालांकि पुलिस मृतक के छोटे भाई द्वारा घटना को अंजाम देना स्वीकारने की बात कह रही है किंतु पूरे मामले से जुड़ी तमाम ऐसी गुथ्थियां हैं, जिन्हें सुलझाने में पुलिस व एसटीएफ की टीम अभी तक नाकाम रही हैं। अजीत के बयान पर एसटीएफ व स्थानीय पुलिस लखनऊ व अन्य स्थानों पर घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही है। मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे एसटीएफ व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम मृतक के भाई अजीत सिंह को पाल्हापुर स्थित उसके मकान पर लेकर पहुंची और क्राइम सीन रिक्रिएट कराते हुए घटना से जुड़े कई सवाल पूछें। टीम ने क्राइम सीन रिक्रिएट कराते हुए तीनो बच्चों के वजन के बराबर की बोरियां छत से नीचे फेंकवाई। फिर बच्चों एवं बोरियो के गिरने के स्थान की नाप जोंख की गई। आधे घण्टे बाद दूसरी टीम मृतक के नौकर व चालक को लेकर गांव पहुंची।


बीते शनिवार की भोर रामपुरमथुरा के पाल्हापुर गांव में अनुराग सिंह, उनकी पत्नी प्रियंका सिंह, माँ सावित्री, बेटी आश्वी के शव क्षत विछत व आरना और बेटा आदविक मरणासन्न अवस्था में घर के बाहर पड़े मिले थे, जिनकी भी बाद में मौत हो गयी थी। घटना के सम्बन्ध में मृतक के भाई अजीत ने पुलिस को तहरीर देकर गुमराह करते हुए बताया था कि उसके बड़े भाई अनुराग ने अपनी मां, पत्नी व तीनों बच्चों को गोली मार कर खुद को भी गोली मार कर आत्महत्या कर ली है। किंतु बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर अजीत सिंह की मनगढ़ंत कहानी झूठी साबित हुई और वह शक के घेरे में आ गया। क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनुराग सिंह को दो गोलियां लगी थी। ऐसे में आत्महत्या करने वाला दो गोलियां कैसे मार सकता है। जबकि अजीत सिंह का दावा था कि अनुराग सिंह ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या की है। शनिवार की देर रात शवों के अंतिम संस्कार के बाद अजीत को हिरासत में लेकर जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो उसके बयान हर बार बदलते गए, जिससे उस पर शक और गहरा गया और उसकी भूमिका पुलिस को संदिग्ध लगने लगी। कड़ाई से पूछताछ करने के बाद अजीत ने घटना को अंजाम देना स्वीकार कर लिया और फॉरेंसिक टीम ने घटना के समय अजीत द्वारा पहने गए खून से सने कपड़े जो घटना के बाद अजीत के द्वारा धुले गये थे बरामद कर लिए। अजीत द्वारा लगातार पुलिस को घटना को अपने द्वारा अंजाम देना बताया जा रहा है। जो कहानी पुलिस व एसटीएफ, क्राइम ब्रांच की टीमों के गले नही उतर रही है। टीमें लगातार अजीत सिंह से घटना में शामिल अन्य लोगों के नाम पता करने की कोशिश कर रही हैं। घटना के बारे में पुलिस अजीत के अलावा पत्नी विभा सिंह, बहनोई अकलेंद्र, साले विवेक, ताऊ आरपी सिंह, चालक सर्वेश समेत कई अन्य लोगों से लगातार अलग अलग पूछताछ कर रही है।

 
चचेरे भाई को दी थी फोन पर सूचना
सूत्र बताते हैं कि पाल्हापुर में मृतक के घर से करीब 700 मीटर दूर रहने वाले प्रभाकर सिंह को घटना की जानकारी लखनऊ के विकास नगर में रह रहे अनुराग के चचेरे भाई आशुतोष सिंह ने फोन पर दी थी। आशुतोष ने प्रभाकर से कहा कि जल्दी से घर चले जाओ वहां गोलियां चल रही हैं। प्रभाकर बाइक से भाग कर अनुराग के घर पहुंचा तो घर के बाहर दरवाजे पर तीनो बच्चे पड़े थे। जिनमें एक कि मौत हो गई थी और दो तड़प रहे थे और दरवाजा खोलकर अजीत भी वहीं पर खड़ा था।

 
अजीत सिंह के घर की ली गई तलाशी
अजीत को पाल्हापुर स्थित घर से क्राइम सीन रिक्रिएट कराने के बाद कोतवाली महमूदाबाद लाया गया , जहां उससे पुनः टीमों द्वारा पूछताछ की गई। उसके बाद करीब पांच बजे अजीत को उसके महमूदाबाद के शहजानी स्थित घर ले जाया गया। जहां घर का ताला खुलवाकर जांच टीमों ने पूरे घर की सघन तलाशी ली। काफी देर तलाशी लेने के बाद घर बंद करवाकर टीम पुनः अजीत को कोतवाली वापस लेकर चली गई। ग्रामीणों की मानें तो पिता वीरेंद्र सिंह की मौत के बाद अजीत सिंह अपने गांव पाल्हापुर स्थित मकान में रात को कभी नहीं रुकता था। वह अपने महमूदाबाद के शहजानी वार्ड स्थित मकान पर ही रुकता था। केवल खेती के काम के लिए कभी कभार ही दिन में गांव आता था और शाम को वापस महमूदाबाद लौट जाता था।

 
एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक टीम, स्वाट, सर्विलांस की टीमें डाले हैं डेरा
पीएम रिपोर्ट आने के बाद से ही सीतापुर पुलिस की सक्रियता बढ़ गई थी। सोमवार को चुनाव खत्म होने के बाद रात करीब 11 बजे पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र महमूदाबाद कोतवाली पहुंच गए जहां मृतक के भाई अजीत समेत अन्य से पूछताछ की मॉनिटरिंग देर रात तक करते रहे। एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक टीम, स्वाट, सर्विलांस की टीमें लगातार चौथे दिन भी डेरा डाल रखा है और मामले की तफ्तीश में जुटी हैं। एसपी मंगलवार की दोपहर दोबारा मामले की गम्भीरता को देखते हुए मॉनिटरिंग करने कोतवाली महमूदाबाद पहुंचे, जहां वह देर शाम तक मौजूद रहे।

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