रुद्रपुर। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड ने अपने इंडेन एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के माध्यम से ग्राहकों के लिए कार्य किया शुरू कर दिया है। मंगलवार को गावा चौक स्थित एक होटल में इंडियन ऑयल कॉपोरेशन के प्रबंधक दीपक राणा ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सभी इंडेन ग्राहकों को आईओसीएल सिस्टम में अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी पंजीकृत कराना जरूरी हो गया है।
इसके लिए उपभोक्तओं को मोबाइल फोन और आधार कार्ड के साथ अपने इंडियन गैस ऐजेंसी और एचपीजी गैस एजेंसी में जाकर करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक ई-केवाईसी फिंगर प्रिंट और फेस आईडी एवं पहचान पत्र के माध्यम से करा सकते हैं। जो उपभोक्त ई-केवाईसी कराने में असमर्थ हैं, वे अपने इंडेन डिलीवरी मैन के माध्यम से करा सकते हैं। जो उपभोक्ता अपने घर से बाहर हैं, वे स्वयं भी ई- केवाईसी विकल्प का उपयोग करके इंडियन ऑयल वन एप्लिकेशन के माध्यम से ई- केवाइसी कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि ई-केवाईसी एलपीजी रिफिल सब्सिडी के सुचारू प्रसंस्करण के लिए उपयोगी होगी। रिफिल का उपयोग करने पर सभी एलपीजी ग्राहकों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी के दुरूपयोग को रोकेगा।
केंद्र सरकार ने घरेलू ग्राहकों के बीच दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को ध्यान मे रखते हुए इंडेन ने सुरक्षा कवचक नाम से एक सुरक्षा अभियान शुरू किया है, जिसमें इंडेन डिलीवरी मैन एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के लिए ग्राहक की रसोई में एलपीजी प्रतिष्ठानों की जांच करेगा। एलपीजी सिलेडरों से रिसाव के मामले में सरकार ने टोल फ्री नंबर 1906 है। सुरक्षा पाइप को हर 5 वर्षों में बदलने का प्रावधान है। चंपावत और ऊधमसिंहनगर में 2लाख 97 हजार उपभोक्ता हैं, जिनमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के 1 लाख 4 हजार ग्राहक हैं।