हरिद्वार। इएमए के केंद्रीय कार्यालय बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर आर्य नगर ज्वालापुर में विश्व मलेरिया दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी मे मलेरिया से बचाव, रोकथाम, जागरूकता एवं चिकित्सा विषय पर जानकारी दी गई।
इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. केपीएस चौहान ने कहा कि मादा एनोफिलीज के काटने के 10 से 15 दिन पश्चात प्लाज्मोडियम वाईवैक्स मच्छर द्वारा बुखार आता है। इसका परजीवी पहले लीवर में फिर लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके शरीर की इम्यूनिटी पावर को कम करता है। मलेरिया बुखार में तिल्ली बढ़ जाती है तथा लीवर एवं किड़नी पर भी खराब प्रभाव पड़ता है। मलेरिया मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें।
रात्रि में शरीर को ढककर सोएं। मच्छरदानी, एंटी मोसकोईट जैली या क्रीम का इस्तेमाल कर मच्छरों से बचाव करें। मलेरिया बुखार हो जाने पर तरल पदार्थों एवं रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले भोज्य पदार्थों का अधिक सेवन करें। संगोष्ठी में एसके अग्रवाल, डॉ. बीबी कुमार, डॉ. वीएल अलखानिया, ऋचा आर्या आदि मौजूद रहे।