
थराली। नंदा भगवती लाटू देवता के जोरदार उद्घोष के साथ लाटू धाम के कपाट मंगलवार को भक्तों के दर्शनों एवं पूजा-अर्चना के लिए पारंपरिक रूप से खोल दिए गए। इस मौके पर भारी संख्या में लाटूभक्त मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगीं।
मंगलवार को प्रातः काल से ही लाटू धाम वाण के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई। झोड़े, चाचरी का आयोजन करने के बाद दोपहर 12.30 बजे मंदिर के कपाट जोरदार शंखनाद, घंटियों की घनघनाहाट, बाजे भुंकरों के वादन एवं नंदा भगवती व लाटू देवता के जयकारे के बीच खोले गए। मंदिर के गर्भगृह में गुप्त पूजा के बाद मंदिर परिसर में नंदा भगवती, काली, गौलू देवता, लाटू देवता, हनुमान, दानू देवता, भैरव आदि देवताओं की स्तुति की गई। इस दौरान कई लोगों पर पश्वा अवतारित हुए, जिन्होंने नाचते हुए श्रद्धालुओं को जौ के दाने देकर आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर थराली के विधायक भूपालराम टम्टा ने लाटू देवता के मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए देश, प्रदेश एवं क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना की। उन्होंने नंदा व लाटू देवता के भक्तों को कपाट खुलने की बधाई दी। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट, प्रधान पुष्पा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य रामेश्वरी देवी, उप प्रधान भाग सिंह, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष कृष्णा बिष्ट, हरी दत्त कुनियाल, सरपंच महिपाल सिंह, कमेटी के सचिव खिलाप सिंह, कोषाध्यक्ष हीरा सिंह बुग्याली आदि मौजूद रहे।
लाटू धाम के मंदिर के अंदर मुख्य पुजारी कपाट खोलने एवं बंद करने के दौरान मुंह एवं आंखों में पट्टी बांध कर गृर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना करने के बाद गर्भगृह के कपाट को बंद कर देता है। गृर्भगृह के अंदर क्या है, इससे आज भी सभी लोग अनभिज्ञ हैं। मान्यता है कि अंदर रखी रहस्यमय वस्तु को जो कोई खुली आंखों से देख लेगा, उसका सर्वनाश हो जाएगा।
इसी भय के चलते कोई भी इसके अंदर रखी वस्तु को देखने का जोखिम नही उठाता है। बताया जाता है कि गर्भगृह के अंदर एक पाथा (पहाड़ी क्षेत्रों में राशन मापने का लकड़ी की बनी वस्तु) को उल्टा रखा गया है। इसी के अंदर कोई रहस्यमई वस्तु होने का अनुमान है।नेतृत्व में साईकिलर्स बालिकाओं के द्वारा अपने साईकिलों के साथ पर्यावरण बचाने के साथ प्रर्दशनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। विधायक के साथ फोटो खिंचवाने के दौरान बालिकाएं उत्साहित दिखी।















