सबसे बड़ा सवाल – अब फायदा किसका
भास्कर ब्यूरो
बरेली। लोकसभा चुनाव की पिच पर आज बहुजन समाज पार्टी रन आउट हो गई। उसके बरेली के प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार का पर्चा ‘तकनीकि कारणों’ से खारिज कर दिया गया। आंवला में एक प्रत्याशी घोटाला हुआ था, यानी एक ही पार्टी के दो – दो उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया था। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की वीडियो काल के बाद स्थिति साफ हो सकी कि आंवला से आबिद अली ही बसपा के प्रत्याशी हैं। उनकी उम्मीदवारी बच गई है। बरेली लोकसभा की सीट पर अब चुनाव बिना बसपा के होगा।
बसपा पिछला लोकसभा का चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ी थी, इससे पहले 2014 के चुनाव में उसे अपने बलबूते करीब साढ़े दस प्रतिशत वोट मिले थे। बसपा ने इस बार बरेली से नवाबगंज के पूर्व विधायक रहे छोटेलाल गंगवार को चुनाव मैदान में उतारा था, जो कुर्मी बिरादरी के होने की वजह से भाजपा के नए प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार के लिए एक मुसीबत माने जा रहे थे। ‘तकनीकि कारणों’ से अब वह चुनाव से बाहर हो चुके हैं। बसपा वाले गम और गुस्से में हैं। भाजपा वालों ने राहत की सांस ली है लेकिन इंडिया एलायंस भी इस स्थिति में अपने फायदे के रास्ते ढूंढ रहा है।
बसपा प्रत्याशी को लेकर यह चौंकाने वाली खबर आज दोपहर में आई जब जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मीडिया को बताया कि बरेली में 28 उम्मीदवारों ने 42 पर्चे दाखिल किए थे। जिनमें से 15 नामांकन निरस्त कर दिये गए हैं। बसपा प्रत्याशी ने 16 व 18 अप्रैल को दो सेट दाखिल किए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का निर्देश है कि कोई कालम खाली नहीं छोड़ा जाता है। अगर प्रत्याशी को जवाब नहीं पता है तब भी इसको भरना होता है – नाट नोन या निल लिखकर मगर बसपा प्रत्याशी के पर्चों में ऐसा नहीं किया गया। इसलिए चुनाव आयोग के निर्देशानुसार इसको रद्द कर दिया गया है। अब बरेली लोकसभा में 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
बसपा नेताओं के लिए आज संकटों से भरा दिन था। सुबह से ही बसपाई आंवला में अपने प्रत्याशी घोटाले की खबरों से जूझ रहे थे। बसपा के मंडल कोर्डिनेटर ब्रह्म स्वरूप सागर, जिलाध्यक्ष राजीव सिंह अपने पूरे दल बल के साथ पुलिस आफिस पहुंचे और आरोप लगाया कि शाहजहांपुर के रहने वाले सत्यवीर सिंह ने कूटरचित दस्तावेज बनाकर बसपा प्रत्याशी के रूप में अपना सिम्बल दाखिल किया है। इसी बीच बसपा नेताओं को पता चला कि उनका बरेली का प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर हो गया है।
प्रशासन भी आंवला की सीट पर एक ही पार्टी के दो – दो प्रत्याशी को देखकर माथापच्ची करता रहा। सीडीओ जग प्रवेश कमरा बंद करके काफी देर तक इस बात की पड़ताल करते रहे कि सच्चाई क्या है। बाद में वह मीडिया के सामने आये। उन्होंने कहा कि बसपा उम्मीदवार को लेकर कन्फ्यूजन था। बसपा नेतृत्व की ओर से चुनाव आयोग को वह उनको बताया गया कि उनके अधिकृत प्रत्याशी आबिद अली ही हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती ने वीडियो काल पर इसकी पुष्टि की, इसके बाद ही बसपा प्रत्याशी का पर्चा बच सका। फिलहाल बसपा बरेली में बिना चुनाव लड़े ही मैदान से बाहर हो गई है आंवला में जरूर वह मुकाबले में रहेगी। बरेली में उसके वोटर्स का रुख अब क्या होगा, यह कुछ आने वाले दिनों में साफ हो सकेगा।