मुंबई । महाराष्ट्र की राजनीति में संजय निरुपम बड़ा नाम है। कांग्रेस छोड़ने के बाद संजय को लगा था कि भाजपा या शिवसेना में जगह मिल जाएगी। अब दोनों ही दलों में उनका इतना ज्यादा विरोध है कि पार्टी उन्हे लेने से बच रही है। अब बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस ने उनके लिए हमेशा हमेशा के लिए दरवाजे बंद कर लिए हैं तो भाजपा और कांग्रेस विरोध के चलते उन्हे लेने से कतरा रहे हैं। ऐसे में वे कहां जाएं या फिर खुद में घर में बैठकर आराम फरमाएं।
उत्तर-पश्चिम मुम्बई की सीट से लोकसभा का टिकट न मिलने से नाराज संजय निरुपम ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की खबर आते ही संजय निरुपम के शिवसेना (शिंदे गुट) में जाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया। चर्चाओं के बीच देख बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) दोनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बीजेपी नेता मोहित कम्बोज ने निरुपम की तुलना कचरे से करते हुए कहा, ‘कचरे की जगह घर के बाहर होती है, घर के अंदर नहीं। निरूपम को अगर महायुति में शामिल किया जाता है तो वह उसका विरोध करेंगे।’
कांग्रेस छोड़ने के बाद संजय निरुपम के सामने एक ही विकल्प है और वो है महायुति की किसी पार्टी में शामिल होने का, लेकिन वहां अभी से विरोध के सुर उठने लगे हैं। निरूपम ने नार्थ वेस्ट की सीट से चुनाव किसी पार्टी के ही टिकट पर लड़ने का एलान किया है, लेकिन शिंदे गुट इस सीट से किसी मराठी उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में हैं। ऐसे में निरुपम की टिकट मिलने की मंशा वहां भी नही पूरी होने वाली। कांग्रेस के रहने के दौरान निरुपम ने पीएम मोदी सहित महायुति के कई नेताओं पर जमकर विवादित बयान दिए हैं और इस स्थिति में उन्हें लेने से पहले बीजेपी और शिवसेना सौ बार सोचेगी। ऐसे में यह साफ है कि निरुपम न तो घर के रहे और न ही घाट के। आखिर अब वह जाएंगे कहां?