नई दिल्ली । दिल्ली के कथित शराब घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। यहां उन्हे 112 वर्गफिट के बैरेक में कैदी नंबर 670 के तौर पर रखा गया है। सीएम को तिहाड़ के जेल नंबर 2 के वार्ड नंबर 3 में रखा गया है। यहां एक छोटी सी बैरक है, जो लगभग 14 फूट लंबा और 8 फूट चौड़ा है।
इसी में टॉयलेट भी बना हुआ है। ऐसे में वहां पर रहना, खाना और सोना इतना आसान नहीं होता है, इसलिए नींद भी सही तरीके से नहीं आ पाती है।सफेद शर्ट पहने सीएम केजरीवाल सोमवार शाम करीब 4.45 बजे तिहाड़ जेल परिसर में दाखिल हुए और रिकॉर्ड के लिए उनकी तस्वीर खींची गई। इसके बाद जेल सुरक्षाकर्मियों ने उनकी और उनके सारे सामान की भी जांच की, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ के जेल नंबर 2 में ले जाया गया। जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल नंबर 2 में सीएम केजरीवाल के बैरेक में सीमेंट का बनाया हुआ एक चबूतरा है, जिस पर बिछाने के लिए एक चादर, ओढ़ने के लिए कंबल और एक तकिया दिया जाता है। इसके अलावा 2 बाल्टी दी जाती है, एक बाल्टी में पीने का पानी रखा जाता है, जबकि दूसरी बाल्टी नहाने या कपड़ा धोने का पानी रखने के काम आती है। इसके अलावा एक जग भी दिया जाता है।
तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि सीएम केजरीवाल के शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर की नियमित जांच की जाए। वह अपने साथ शुगर जांच के लिए ग्लूकोमीटर रख सकेंगे। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल गिरे तो उन्हें तुरंत टॉफ़ी, ग्लुकोज़ और केले उपलब्ध करवाए जाए। इसके अलावा उन्हें पेन और नोट पैड भी मुहैया करवाने का निर्देश दिया गया है। वहीं तिहाड़ जेल से सरकार चलाने के मसले पर तिहाड़ सूत्रों का कहना है कि सीएम केजरीवाल पर जेल मैन्युल ही लागू रहेंगे, उन्हें कोई अन्य सुविधा नहीं दी जाएगी।
तिहाड़ की जेल नंबर 2 सजायाफ्ता कैदियों के लिए है। इस जेल में सजा पाए हुए कैदी रहते हैं। सजायाफ्ता कैदियों को कहीं लाने-ले जाने का मुद्दा नहीं रहता। वह अपने बैरेक में ही रहते हैं, इसलिए केजरीवाल की सुरक्षा के लिहाज से इस जेल को मुफीद माना गया। जेल नंबर दो में एक जनरल एरिया है, इसी में एक बैरेक है उसी में केजरीवाल को रखा गया है। बैरेक के बाहर 4 सुरक्षाकर्मी हर वक्त तैनात रहेंगे और बैरेक को 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाएगा।
तिहाड़ जेल में उन्हें प्रतिदिन 6 आगंतुकों से मिलने की इजाजत होगी। इसके लिए उन्होंने पत्नी और बच्चों के अलावा 3 अन्य लोगों के नाम लिखकर दिए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने उन्हें मांगी गई तीन पुस्तकें अपने साथ जेल ले जाने की अनुमति दी। इसके अलावा उनकी डायबटीज़ की बीमारी को देखते हुए घर का खाना खाने की अनुमति दी गई है। वह जेल में अपना कंबल, गद्दा और तकिया ले जा सकेंगे। वह अपना चस्मा और धार्मिक लॉकेट भी अपने साथ रख सकेंगे।