नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सरकार से सवाल किया है कि आखिर जब मामला पेंडिंग था तो नियुक्तियां क्यों कर दीं? इसी के साथ आज शुक्रवार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रद्द करने से भी सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अदालत में याचिका दायर की थी।
दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सरकार से कहा, कि जब मामला कोर्ट में लंबित था तो नियुक्ति क्यों की गई। इसका जवाब सरकार को 21 मार्च को देना होगा। गौरतलब है कि कल गुरुवार शाम केंद्र सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया था। इस मामले को लेकर एडीआर के अलावा मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को चयन समिति से अलग कर दिया गया है। इस स्थिति में नियुक्ति की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही गई है।