बहराइच। “कल चमन था आज है उजड़ा हुआ, देखते ही देखते ये क्या हुआ” कवि ने भले ही इस गीत को किस हालत मे कल्पना कर इस गीत को लिखा हो। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर पंचायत जरवल में जलमग्न की भूमि पर बने दो मंजिला मकान पर बुलडोजर द्वारा की गई, कार्यवाही की पर तो सटीक जरूर बैठती है। वैसे की गई उक्त कार्यवाही से पूर्व दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से इस सम्बंध में एक खबर भी चार दिन पहले प्रकाशित कर चुका था।
जानकारी के मुताबिक मा. हाईकोर्ट के आदेश पर तहसीलदार कैसरगंज न्यायालय ने जलमग्न की भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया था। जिस पर बृहस्पतिवार को नायब तहसीलदार जरवल राजस्व कर्मियों और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर उसे जमीदोज कर दिया। बताते चले जरवल नगर पंचायत के मोहल्ला अहमद शाह नगर में उच्च न्यायालय के आदेश पर जलमग्न की भूमि गाटा संख्या 589 पर बने आयशा खातून के मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश न्यायालय तहसीलदार कैसरगंज ने 8 दिसम्बर 23 को पारित कर दिया था।
पूर्व चैयरमैन मो. वसी अंसारी के पुत्र अरसद आलम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जलमग्न की भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर तहसीलदार कैसरगंज ने बेदखली का आदेश पारित कर दिया था।न्यायालय के आदेश पर बृहस्पतिवार को ई ओ खुशबू यादव,नायब तहसीलदार जरवल पी.पी. गिरी, राजस्व निरीक्षक वाहिद कमाल, लेखपाल राम किशुन, थानाध्यक्ष जरवलरोड ब्रजराज प्रसाद, उपनिरीक्षक भृगुनाथ सिंह, आदित्य कुमार, आरक्षी, राहुल कुमार यादव, रणंजय साहनी के साथ भारी पुलिस बल लगाकर जेसीबी से मकान के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू कर दी। जलमग्न की भूमि पर बने दो मंजिला मकान को जेसीबी और कटर मशीन लगाकर ढहाया गया। नायब तहसीलदार जरवल पी.पी. गिरी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर तहसीलदार कोर्ट ने अवैध कब्जा हटाने का आदेश पारित किया था। उसी क्रम में मकान तोड़कर कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई है।
और भी सैकड़ों जलमग्न भूमि पर बने मकानों को किया जा रहा चिन्हित
सूत्रो की माने तो निकाय के गाटा संख्या 589 जो जलमग्न भूमि है उस पर बनाए गए स्थाई सैकड़ों मकानों को चिन्हित करने का खाका तैयार हो चुका है। कभी भी उस पर भी बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हो सकती है।