बहराइच । जनपद में गुरुवार को बच्चों और किशोरों को पेट में पलने वाले कृमि को निकलने के लिए एलबेंडाजोल की गोली खिलाई गई । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संतोष राणा ने बताया कि पेट में कृमि होने से बच्चों का विकास प्रभावित होता है । किशोर-किशोरियों में खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, स्वास्थ्य खराब होना और समुचित मानसिक विकास का न होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इसके लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर एक से 19 वर्ष के 1179952 बच्चों व किशोरों को पेट से कीड़े (कृमि) निकालने के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई गई। इस दिन दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को पांच फरवरी को मॉपअप राउंड चलाकर दवा खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला सलाहकार राकेश गुप्ता ने बताया कि अभियान के तहत जिले के 2927 सरकारी 1158 निजी विद्यालयों के अलावा 3145 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है । इस अभियान के तहत 1965742 बच्चों को एलबेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य था जिसके सापेक्ष्य 1179952 बच्चों को दवा का सेवन कराया गया है। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, यानि आधी गोली व दो से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, यानि पूरी गोली खिलाई गई है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी गई जबकि बड़े बच्चों ने इसे चबाकर खाया।
कृमि से बचने के उपाय-
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि जमीन में गिरी चीज उठाकर खाने या नंगे पैर संक्रमित स्थानों पर चलने से बच्चों के पेट में कीड़े (कृमि) विकसित हो जाते हैं। इससे बचना चाहिए साथ ही कुछ भी खाने से पहले और सौच के बाद हाथों को अच्छी तरह धुलना चाहिए। उन्होंने बताया की पेट में कृमि होने से बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप कमजोर होने लगता है। इसीलिए वर्ष में दो बार अभियान चलाकर एल्बेन्डाजॉल दवा खिलाई जाती है। इससे पेट के कृमि बाहर हो जाते हैं और शरीर में आयरन की शोषक क्षमता बढ़ने से एनीमिया अर्थात खून की कमी दूर हो जाती है।