बहराइच : आईपीएल चीनी मिल में दलालों की फिर बल्ले-बल्ले

बहराइच। आईपीएल चीनी मिल में अनियमिताओं का बोलबाला है। दबंगो व दलालों की बैलगाड़ी पर्ची पर ट्राली की तौल मिल प्रशासन की मिलीभगत से कराई जा रही है। कम इंडेंट में ज्यादा गन्ना आ जाने से किसानों को सप्लाई पर्ची नहीं मिल पा रही है। जरवलरोड चीनी मिल द्वारा गन्ना सहकारी समिति भभुआ के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए कम इंडेंट जारी किया जा रहा है। जिससे भभुआ समिति से जुडे सैकडों किसानों में आक्रोश व्याप्त है।

कम इंडेंट जारी करने से गन्ना सहकारी समिति भभुंआ का पर्ची कलेण्डर 15 कालम पीछे है जिससे समिति के सात हजार गन्ना किसानों को अपना पेडी गन्ना बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिल प्रशासन की मिली भगत से चीनी मिल यार्ड में ही गन्ना लेकर मिल आए किसानों की ट्राली से गन्ना दलालों द्वारा दूर दराज के आए हुए ट्राली ड्राइवर को पैसे का लालच देकर दो से आठ कुंतल तक ट्रालियों से गन्ना खरीदा जाता है जिससे गन्ना किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। यह सब मिल प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।गन्ना लेकर चीनी मिल आए किसानों के लिए मिल प्रशासन द्वारा न अलाव भी नही जलवाया है। ठण्ड से बचने के लिए भी किसानों के लिए कोई व्यवस्था नही कराई गयी है।

जिससे कड़ाके की ठंड में गन्ना किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों व बैलगाड़ी के नीचे सोने को विवश है। गन्ना किसान रामदेव, उमानाथ, शेर बहादुर, जगन्नाथ ,मुंशीलाल ,तेज बहादुर ,रोहित, अनिल कुमार, सुरेश सहित किसानों ने आईपीएल चीनी मिल द्वारा किसानों का शोषण बन्द करने की मांग की है। एक-एक कलम बढ़ाने में 3 से 4 दिन लग जा रहा है। वही पहुंच वाले कुछ दबंग किसान व दलालों ने अपने खातों को बैलगाड़ी में कर रखा है जिससे उनको 18 व 27 कुंतल पर ही सप्लाई टिकट जारी हो जा रहा है।जबकि अन्य किसानों को 63 कुंतल पर पर्ची जारी होता है। बैलगाड़ी की पर्ची पर ही मिल प्रशासन ट्रॉली की तौल करा दी जाती है।

जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। गन्ना न बिकने से किसानों के सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो रही है। पर्ची  मिलने से किसान दलालों के हाथों अपना गन्ना बेचने को मजबूर है। मिल प्रशासन किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। इस सम्बंध में  आईपीएल महाप्रबंधक ठाट सिंह राणा को फोन किया गया लेकिन फोन नहीं उठा। गन्ना प्रबंधक सी.पी.सिंह ने बताया कि बैलगाड़ी की पर्चियां पर तौल तभी कराई जाती है जब किसान बैलगाड़ी से ट्राली में मोड चेंज कर लेते हैं। तब बैलगाड़ी के सप्लाई टिकट पर ट्रॉली तौल कराई जाती है।

“इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने बताया जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी”

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