
बहराइच l परिवार नियोजन साधनों का उपयोग सिर्फ परिवार को सीमित करने तक ही नहीं है बल्कि उच्च जोखिम गर्भावस्था से बचाने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका है। कोई भी साधन न उपयोग करने पर बार-बार गर्भधारण या गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। दोनों ही स्थितियां जटिल प्रसव का कारण बनती हैं और इसका असर जन्मे शिशु पर भी पड़ता है।
केस 1-
फखरपुर, कनेरा निवासी 30 वर्षीय बुंदेला को दो माह का गर्भ है। अभी तक वह 8 बच्चों को जन्म दे चुकी हैं। इनमें 6 बच्चों की मृत्यु जन्म के दो सप्ताह के अंदर हो गयी। क्षेत्र की एएनएम प्रमिला ने बताया कि पिछली गर्भावस्था के परिणाम अच्छे न होने और हर साल लगातार गर्भधारण की वजह से बुंदेला की गर्भावस्था उच्च जोखिम की श्रेणी में आती है। ठीक से देखभाल न होने पर जच्चा –बच्चा दोनों को खतरा हो सकता है। वर्तमान में खून की कमी और उच्च रक्तचाप की वजह से बुंदेला को आगे की जांच व इलाज के लिए सीएचसी पर रेफर किया गया है।
केस 2-
फखरपुर, सुंदरपुरवा निवासी 25 वर्षीय गुड़िया चौथी बार गर्भवती हैं। पिछले तीन बच्चों में एक शिशु की मृत्यु दो सप्ताह के अंदर हो गयी। आशा कार्यकर्ता सपना रानी ने बताया कि गुड़िया दो वर्ष के अंदर पुनः गर्भवती हैं उनका वजन 38 किग्रा है और गंभीर एनीमिया से पीड़ित हैं। इन्होंने अभी तक कोई भी परिवार नियोजन का साधन नहीं अपनाया है। उच्च जोखिम गर्भावस्था के कारण इन्हें जांच व इलाज के लिए सीएचसी पखरपुर रेफर किया गया है।
क्या है उच्च जोखिम गर्भावस्था –
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ममता बसंत के अनुसार यदि पिछली गर्भावस्था के खराब परिणाम या प्रसव से पहले रक्तस्राव या गंभीर एनीमिया जैसी समस्या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था होती है। ऐसे में स्वस्थ होने से पहले पुनः गर्भधारण करने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गुर्दा रोग, क्षय रोग आदि की समस्या होने पर बार-बार गर्भधारण करने से इन बीमारियों की गंभीरता हर गर्भावस्था में और अधिक बढ़ जाती है। ऐसे दंपति को प्रसव पश्चात कोई भी परिवार नियोजन का साधन अवश्य अपनाना चाहिए ताकि अनचाहे गर्भ से बचने के साथ ही माँ अपने बच्चे का पूरी तरह से ध्यान रख सके और पुनः शारीरिक रूप से स्वस्थ हो सके।
इन स्थितियों में भी गर्भधारण से करें परहेज –
• महिला की आयु 20 वर्ष से कम या 35 वर्ष से अधिक
• छोटे बच्चे की उम्र 3 वर्ष से कम
जनपद में चिन्हित उच्च जोखिम गर्भावस्था –
• वर्ष 2020-21 – 94
• वर्ष 2021-22- 115
• वर्ष 2022- 23 – 86
परिवार नियोजन साधन-
• प्रसव पश्चात कॉपर टी
• कॉपर टी
• तिमाही अंतरा इंजेक्शन
• छाया साप्ताहिक गोली
• माला एन
• कंडोम
• पुरुष व महिला नसबंदी
परिवार नियोजन की सलाह अस्पताल में प्रसव पश्चात 48 घंटे के अंदर, प्रसव पूर्व जांचों के दौरान, हर महीने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान, बच्चों के टीकाकरण के दौरान, प्रत्येक गुरुवार को अंतराल दिवस पर व प्रत्येक माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस के अलावा गृह भ्रमण के समय दिया जाता है। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि दंपति परिवार नियोजन के महत्व को जाने और अपनी आवश्यकता अनुसार कोई साधन बच्चों में अंतर रखने के लिए अवश्य चुने।
“मुख्य चिकित्सा अधिकारी- डॉ सतीश कुमार सिंह”