सीतापुर। अनुपूरक पोषाहार, स्कूल पूर्व शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जाँच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा एवं संदर्भन सेवाओं को और भी वृहद स्तर पर ले जाने के लिए शासन की रणनीति के तहत जिले भर में अब और 150 आंगनबाड़ी केंनद्र लर्निंग लैब के रूप में विकसित किए जाएंगे। अभी तक जिले में वर्ष 2023-24 में हर परियोजना में एक-एक आंगनबाड़ी केंनद्र को लिया गया था। जिसमें अच्छी सफलता मिलती देख और 150 केंन्द्रों को शामिल किए जाने के आदेश दिए गए है।
जिसके तहत वर्ष 2024-25 में 75 तथा वर्ष 2025-26 में 75 लर्निंग लैब बनाए जाने का आदेश शासन ने बाल विकास पुष्टाहार विभाग को दिया है।दरअसल आंगनबाड़ी केंन्द्र हर घर से जुड़ा होता है। यही नहीं आंगनबाड़ी के जरिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण जैसे अनेकों कार्य आंगनबाड़ी के माध्यम से ही करवाता है। ऐसे में आंगनबाड़ी को ही हर परियोजना में प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर लर्निंग लैब के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी की गई थी। जिसमें स्वास्थ्य संबंधी समस्त प्रकार के कार्य लिए जा सकेंगे। बता दें कि जिले में 19 ब्लाक परियोजना तथा एक शहरी परियोजना कुल 20 परियोजनाएं है। इस प्रकार जिले भर में कुल 20 परियोजनाएं है। जिसमें एक-एक आंगनबाड़ी केंन्द्र को लर्निंग लैब के रूप में पूर्व में विकसित किया जा चुका है जहां पर लर्निंग लैब बन चुकी है।
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आंगनबाड़ी केंन्द्र के लर्निंग लैब बनने के नियम
डीपीओ मनोज कुमार राव ने बताया कि लर्निंग लैब को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से प्रथमचरण में प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रत्येक परियोजना से एक आंगनबाड़ी केन्द्र का कायाकल्प करते हुए लर्निंग लैब के रूप में विकसित किया जाना था। इसके बाद अब 150 और र्निंग लैब बनेंगी। जिसके तहत ऑगनबाड़ी केन्द्र प्राथमिक विद्यालय के परिसर में विभागीय भवन में संचालित हो (को-लोकेटेड ऑगनबाड़ी केन्द्र), सम्बन्धित प्राथमिक विद्यालय 4/5 स्टार श्रेणी में हो, आंगनबाड़ी केन्द्र को पूर्व में आर्दश केन्द्र के रुप रुप में चयनित न किया गया हों,
ऑगनबाड़ी केन्द्र पर ऑगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका दोनों तैनात हों, ऑगनबाड़ी कार्यकत्री ई०सी०सी०ई०, पोषण ट्रैकर एवं अन्य विभागीय कार्यों में दक्ष हों, सम्बन्धित ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध निधियों में प्रयाप्त बजट हो। प्रायः बड़ी ग्राम पंचायतों के पास अपेक्षाकृत अधिक ग्राम निधियाँ होती है।
आंगनबाड़ी केन्द्र आबादी एवं परियोजना कार्यालय के निकट हो। आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुद्धीकरण हेतु मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल-मैत्रिक अभिगम्यता के अनुरूप एवं राष्ट्रीय मानदण्डों तथा मानकों के अनुसार 18 मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत आदि कार्यवाही पूर्ण कराये जाने की अपेक्षा की गयी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रुप में विकसित किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं।