सीतापुर। ब्लाक रामपुर मथुरा में हुए 70 लाख के शौचालय घोटाला में जिन बीस प्रधानों को नोटिस जारी की गई है उन्हें सात दिनों की मोहलत दी गई है। सात दिनों में अगर उन्होंने नोटिस का जबाब नहीं दिया तो प्रशासन उनकी चुप्पी पर घोटाला की पक्की मोहर लगा देगा। यही नहीं जबाब देने के बाद भी उन पर कार्रवाई की गाज गिरनी लगभग तय मानी जा रही है। वहीं जिन प्रधानों को नोटिस जारी की गई है उनमें हड़कंप मचा हुआ है और वह प्रशासन पर राजनैतिक दबाव बनवा रहे है ताकि कार्रवाई ना हो।
बताते चलें कि ब्लासक रामपुर मथुरा में शौचालय घोटाला प्रकरण की जॉच 27 सितम्बर, 2022 के द्वारा जिला विकास अधिकारी, सीतापुर एवं परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, सीतापुर तथा अग्रणी जिला प्रबंधक, इंडियन बैंक सीतापुर की समिति द्वारा की गई थी। गठित समिति द्वारा संयुक्त रूप से जाँच कर अपनी आख्या 09 नवम्बर, 2022 के द्वारा प्रस्तुत की गयी।
जिसमें चार ग्राम पंचायत सचिव तथा बीस प्रधान फंसे। ग्राम पंचायत सचिवों को बर्खास्त कर दिया गया जबकि प्रघानों को नोटिस जारी की गई है। प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि नोटिस का उत्तर मय सुसंगत साक्ष्यों सहित नोटिस प्राप्ति के एक सप्ताह के अन्दर जिला पंचायत राज विभाग में उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए है। जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जारी नोटिस का जबाब प्रधानो द्वाारा निर्धारित समयावधि में उत्तर उपलब्ध नहीं कराया जाता है
तो यह मान लिया जायेगा कि प्रधानों पर लगाये गये आरोपों के सम्बन्ध में कुछ नहीं कहना है और उक्त धनराशि का आहरण उनके द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। जिसके बाद प्रधानों पर विरूद्ध उ०प्र० पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) (तीन) में दी गयी व्यवस्थानुसार कार्यवाही कर दी जायेगी। जिसमें प्रधानों द्वारा दुरूपयोग की गयी धनराशि की नियमानुसार वसूली की कार्यवाही करायी जायेगी तथा विधिक कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी।