बहराइच : नुक्कड़ नाटक कर एमबीबीएस छात्रों ने एड्स से बचाव के दिए संदेश

  • मेडिकल कालेज के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग ने मनाया विश्व एड्स दिवस
  • चित्तौरा गाँव में आयोजित हुआ कार्यक्रम
  • लक्षण, बचाव व रोकथाम से रूबरू हुए ग्रामीण

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बहराइच l जनपद में शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया। मेडिकल कालेज के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग ने चित्तौरा गाँव में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को एड्स के लक्षण, बचाव व रोकथाम की जानकारी दी । इस अवसर पर एमबीबीएस छात्रों ने रोल प्ले कर संदेश दिया कि एड्स लाइलाज बीमारी है, बचाव ही इसका बेहतर उपाय है ।

कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट डॉ मालिक शाहनवाज़ ने बताया कि एड्स एक वायरस के कारण होता है जिसे एचआईवी कहते हैं । इसकी जानकारी संक्रमण के लगभग 12 सप्‍ताह के बाद ही रक्‍त की जॉंच से हो पाती है। जांच में वायरस पाये जाने पर व्‍यक्ति एच.आई.वी. पॉज़िटिव हो जाता है।

एच.आई.वी. पॉज़िटिव  व्‍यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्‍य प्रतीत होता है और सामान्‍य जीवन व्‍यतीत कर सकता है, लेकिन इस दौरान वह दूसरों को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।

उन्होंने बताया कि एचआईवी वायरस रक्‍त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्‍स) व मस्ति‍ष्‍क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्‍हे नष्‍ट करता रहता है। कुछ वर्षो बाद (6 से 10 वर्ष) रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि वह मामूली सर्दी-जुकाम जैसी छोटी बीमारी से भी नहीं लड़ पाता और तरह-तरह का संक्रमण (इन्‍फेक्‍शन) से ग्रसित होने लगता है इस अवस्‍था को एड्स कहते हैं। इसका कोई इलाज नहीं है इसलिए एड्स से बचाव करना ही मात्र एक उपाय है ।

हालांकि कुछ नियमित दवाओं के सेवन और संयमित जीवन शैली अपना कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति में क्षय रोग होने की अधिक संभावना होती है इसलिए सभी टीबी रोगी की एचआईवी जांच कराने का भी प्रावधान रखा गया है। इस अवसर पर चित्तौरा ग्राम प्रधान , डॉ नृपेन्द्र, डॉ केएस नायक , डॉ समरीन, डॉ गीता, डॉ राहुल, डॉ अनुपमा वर्मा व गाँव के अन्य लोग उपस्थित रहे । 

कैसे फैलता रोग –

  • एक से अधिक लोगों से यौन संबंध बनाने से*
  • वेश्‍यावृति करने वालों से यौन संबंध बनाने से
  • नशीली दवाइयां इंजेक्शन लेने वाले व्‍यक्ति के संक्रमित इंजेक्शन से
  • यौन रोगों से पीडित व्‍यक्ति के साथ यौन संबंध से
  • पिता/माता के एच.आई.वी. संक्रमण के पश्‍चात पैदा होने वाले बच्‍चे
  • बिना जांच किया हुआ रक्‍त चढ़ाने से
  • टैटू बनवाते समय इस्तेमाल की गयी सुई से

एड्स से बचाव-

  • जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध न रखें
  • यौन सम्‍पर्क के समय निरोध (कण्‍डोम ) का प्रयोग करें
  • नशीली दवाइयों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें
  • रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें, और सुरक्षित रक्‍त के लिए एच.आई.वी. जांच किया रक्‍त ही ग्रहण करें
  • हमेशा नए इंजेक्शन का प्रयोग करें l 

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