लखीमपुर : रामलीला मेले में घूमना फिरना पड़ सकता है महंगा, अधिक मूल्य पर हुई दुकानों की नीलामी

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

निघासन खीरी। सिंगाही रामलीला मेले में घूमना-फिरना महंगा पड़ सकता है। क्योंकि मेला कमेटी ने मेला क्षेत्र में दुकानों और झूलों की नीलामी पिछले साल के मुकाबले इस बार दोगुने तिगुने दाम में दुकानों और झूलों की नीलामी हुई। ऊंची बोली लगाने वाले इसकी भरपाई ग्राहकों से करेंगे। ऐसे में पिछले साल के मुकाबले इस बार मेले में झूले का टिकट और वस्तुओं की कीमत में काफी इजाफा हो सकता है।

क़स्बे मेला मैदान में होने वाले रामलीला मेले दुकान व बाजार लगती है। इसके अलावा छोटे-बड़े झूले और मनोरंजन के अन्य संसाधन भी वहां उपलब्ध होते हैं। इस मेले में क्षेत्रवासियों की भीड़ अधिक होती है। रोज लाखों की खरीदारी होती है। ऐसे में वहां दुकान और झूले आदि के आवंटन में प्रशासन नीलामी कराता है। मेले में साप्ताहिक बाजार के लिए पिछले साल 60 हजार रुपये तक की बोली लगी थी। इस बार एक लाख 70 सत्तर हजार रुपये में इसकी नीलामी हुई।

इसी तरह पिछले साल जो झूला 1 लाख रुपये में नीलाम हुआ था, इस बार 110 लाख रुपये में उसकी नीलामी हुई। इसी तरह बाजार में लगने वाली दुकानों से 6 से सात हजार रुपये बिजली व सहायतार्थ के नाम पर वसूली की जा रही है पिछले साल के मुकाबले अधिक दाम पर हुई।जबकि नगर पंचायत मेला कमेटी को 501 रुपये पर किराए पर देती है पर मेला कमेटी के मनमाने रवैये पर दुकानदार व में मेलार्थियों की जेब पर असर पड़ता है। इसे अवैध वसूली नहीं तो क्या कहेंगे।

नगर पंचायत से धार्मिक गतिविधि के नाम पर नाम मात्र शुल्क के लंबी अवधि के लिए मेला ग्राउंड हासिल करने वाली रामलीला कमेटी खुद वसूली करा रही है। ऐसे में जब रामलीला मेला लगता है तो कमेटी पंचायत को दरकिनार कर सारे नियम खुद बना लेती है। हैरानी तो इस बात की है कि ग्राउंड के भीतर की तो बात दूर बाहर सड़क व फुटपाथ तक को ठेके पर उठा दिया जाता है। 

नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अवधेश मिश्रा ने बताया शासन की तरफ से तहबाजारी बंद है अगर कोई ते तहबाजारी के नंबर पर पैसा वसूलता है तो मामले को संज्ञान लेकर उसे पर कार्रवाई की जाएगी।

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