सीतापुर : केजी टू पीजी प्लान व ‘गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट’ से बदली सामाजिक सोच व शैक्षिक स्थिति – राज्यपाल

नैमिषारण्य-सीतापुर। शिक्षा और आरोग्य एक स्वस्थ और विकसित समाज की पहली आवश्यकता है। मैंने अपने पूरे कार्यकाल में इन दोनो बिंदुओं पर गहनता से कार्य करने का प्रयास किया हैै। हमने प्रदेश में शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए ‘केजी टू पीजी प्लान’ पर गंभीरता से कार्य करना शुरू किया इसके अंतर्गत हमने प्रारंभिक स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों से विश्वविद्यालय को जोड़ा वही ‘गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत हमने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को इस प्रोजेक्ट की गहराइयों से अवगत कराने पर कार्य किया ताकि वे गर्भावस्था के महत्व को समझ सकें और एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

उपरोक्त उद्गार आज प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नैमिषारण्य तीर्थ अन्तर्गत कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री के सानिध्य में कालीपीठ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कहीं। इस दौरान राज्यपाल ने प्रसिद्ध कथा व्यास रमेश भाई ओझा ‘भाई श्री’ के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हुए स्वयं के दोबारा नैमिषारण्य तीर्थ आगमन व इस आयोजन में भाग लेने को अपना सौभाग्य बताया। अपने वक्तव्य में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में शैक्षिक व गुणवत्ता का स्तर सुधारने के लिए ‘क्वालिटी’ पर काम करने पर बल दिया। इस दौरान उन्होंने सभी के समग्र प्रयासों से विश्वविद्यालयों द्वारा ‘नैक मान्यता प्रमाण पत्र’ के लिए रिकार्ड स्तर पर काम करने को रेखांकित किया।

राज्यपाल ने बताया कि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए विश्वविद्यालय रैंकिंग के आधार पर एडमिशन को वरीयता देने का कार्य किया गया। साथ ही अध्यापकों को बेहतर कार्य के लिए प्रेरित किया और ‘नैक एक्रिडेशन’ में सबको जोड़ा, जिसके चलते आज 4 विश्वविद्यालय ने। और 2 विश्वविद्यालय ने । नैक एक्रीडेशन रेंक प्राप्त की है, इसी कड़ी में हमने शिक्षा की पहली कड़ी आंगनबाडी केंद्रों पर खेल, मनोरंजन, किताबों व सुविधाओं की बेहतरी के लिए प्रदेश के कॉलेज व यूनिवर्सिटी के माध्यम से प्रदेश की 7500 आंगनबाड़ी में बिना किसी शासकीय सहायता के 40,000 रु प्रति केंद्र की दर से शैक्षणिक किट प्रदान की है, इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की संख्या बढ़ने लगी और यहां सुविधा व भविष्य मिलता देख उनके अभिभावक भी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र तक लेकर आने लगे।
गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट पर किया फोकस

अपने वक्तव्य में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ग‘र्भ संस्कार प्रोजेक्ट’ पर कार्य को प्रमुखता से बताया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को गर्भावस्था के अंतर्गत ‘गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट’ पर कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस दौरान उन्हें बताया और प्रेरित किया गया कि गर्भावस्था में खानपान, दिनचर्या, योगा आदि जरूरी सावधानियों का पालन कैसे करना चाहिए व गर्भावस्था के दौरान कैसे अच्छी सोच रखनी चाहिए।

इस दौरान पारिवारिक माहौल और चाइल्ड ग्रोइंग पर भी ध्यान देना होता है। प्रोजेक्ट के माध्यम से मिली शिक्षा का प्रयोग अपने भविष्य के वैवाहिक जीवन में कर एक स्वस्थ और बेहतर समाज का निर्माण कर सकती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा के ‘रियल लाइफ मैनेजमेंट’ से जुड़े प्रोजेटों से शिक्षार्थियों को जोड़ना चाहिए। अपने वक्तव्य में राज्यपाल ने गुजरात के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र स्थित ‘सापूतारा विद्यालय’ के निरीक्षण के दौरान आदिवासी क्षेत्र के विद्यालयों की दयनीय स्थिति का जिक्र किया। जिसके बाद उसे भाईश्री ने गोद लेकर अच्छा बना देने पर उनकी बड़ाई भी की।

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