कानपुर | सीएसए के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने देश को हरित क्रांति की सौगात देने वाले महान कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। डा स्वामीनाथन ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आज सुबह 11:20 पर अंतिम सांस ली।
कुलपति ने कहा कि हमारे देश की इतिहास में उनके अभूतपूर्व कार्यों ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया तथा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। डॉक्टर सिंह ने बताया की 7 अगस्त 1925 को तमिलनाडु की कुंभकोणम में जन्मे डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन के वैज्ञानिक थे। उन्होंने 1966 में मेक्सिको के बीजों को पंजाब के घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के बीज विकसित किए थे।
कुलपति ने बताया की डॉक्टर स्वामीनाथन को 1967 में पद्मश्री,1972 में पद्म भूषण और 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। वे भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सराहे जाते थे। उन्होंने बताया कि डॉक्टर स्वामीनाथन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में 1972 से 1979 तक तथा अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में 1982 से 1988 तक महानिदेशक के रूप में काम किया।