लहरपुर-सीतापुर। लहरपुर कस्बा लंबे समय से लकड़ी के अवैध कारोबार के लिए कुख्यात रहा है लेकिन आज तक इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कोई पुख्ता प्रयास स्थानीय पुलिस व वन विभाग की ओर से नहीं किए गए। कस्बे में प्रमुख रूप से दो बड़े-बड़े प्लाटों भारत धर्मकांटे व चांद धर्मकांटे से लकड़ी का ये अवैध कारोबार संचालित होता है। जिसमे से भारत धर्मकांटे के प्लाट सबसे अहम है।
आम तौर पर चर्चा है कि अगर कोई लकड़ी की ट्राली इस प्लाट पर पहुंच गई, तो प्रशासन भी उस कारवाई का साहस नहीं जुटा पाता। वहीं कस्बे में आम चर्चा है की लंबे समय से इस प्लाट पर पुलिस, वन विभाग व तहसील के नाम पर अवैध वसूली का खेल भी चल रहा है। समय-समय पर इसे लेकर स्थानीय लोगों की ओर से वसूली को लेकर जिले के आला अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन आज तक प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर वन विभाग व लकड़ी मंडी के सूत्रों के माने तो पिछले कुछ सालों से वसूली के इस नेटवर्क को लीड करने वाला वन विभाग व स्थानीय पुलिस का चहेता लकड़कत्ता पोनू ही बताया जा रहा है।
शायद यही वजह है कि उसके हर गलत काम के पीछे वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों भरपूर समर्थन रहता है। शायद यही वजह है कि इस मनबढ लकड़कट्टे ने किसान गोपीनाथ दीक्षित का पेंड काट लिया। लिखित शिकायत के बाद भी वो खुलेआम घूम रहा है। जिला स्तर पर डीएम अनुज सिंह जैसे ईमानदार अधिकारियों के होते हुए भी लकड़ी का ये अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है, ये सोचने वाली बात है।
ब्रजेश पांडे, वन क्षेत्राधिकारी लहरपुर कहते हैं कि ये कोई मेरे आने के बाद ही शुरू हुआ है क्या। ये तो सालों से चल रहा है। यादवेन्द्र यादव, पुलिस क्षेत्राधिकारी लहरपुर ने कहा कि मुझे इस विषय पर आपके द्वारा ही जानकारी हुई है। जांच के सख्त कारवाई की जाएगी।