लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रवक्ताओं और पैनलिस्टों के साथ सपा दफ्तर में बैठक की। इस बैठक में 60 प्रवक्ता और पैनलिस्ट शामिल हुए। 4 घंटे चली बैठक में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने की रणनीति बनी। अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव में बीजेपी का मुकाबला कैसे किया जाए और सोशल मीडिया पर अपनी बात को कैसे रखा जाए ताकि विरोधियों के हमले का काउंटर किया जा सके, पर चर्चा की।
पार्टी के शीर्ष नेताओं की ओर से कहा गया कि बीजेपी झूठ और नफरत की राजनीति कर रही है। इसकी असलियत से जनता को अवगत कराना होगा। 2024 के चुनाव में सपा को ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने और भाजपा को हराने की रणनीति पर भी बात हुई। पदाधिकारियों को चुनाव संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए।
स्वामी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा
बैठक में कहा गया कि स्वामी प्रसाद मौर्या के दिए गए बयान पर कोई भी प्रवक्ता टिप्पणी नहीं करेगा। ना ही उस मुद्दे पर डिबेट में शामिल होना है। यह भी कहा गया कि धार्मिक उन्माद संबंधित जो भी मामले हैं उन मामलों पर कोई भी टिप्पणी या नहीं होगा।
2024 को लेकर तीसरे दौर में प्रवक्ताओं से साथ हुई बैठक
अखिलेश यादव के साथ बैठक में मौजूद एक प्रवक्ता ने बताया कि यह तीसरे दौर की बैठक है। इसके बाद भी बैठक की जाएगी। समय-समय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा प्रवक्ताओं के बीच बैठक करके उचित दिशा-निर्देश दिए जाते रहते हैं। अखिलेश यादव के साथ करीब 60 प्रवक्ताओं ने बैठक की है। इस बैठक में प्रमुख रूप से उन मुद्दों पर ध्यान एकत्रित करने के लिए कहा गया है जो जनता से जुड़े हुए मुद्दे हो।
बेरोजगारी, महंगाई समेत महिला अपराध पर चुनावी मुद्दा
पार्टी के प्रवक्ताओं को साफ तौर पर यह कहा गया कि उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न मुद्दों पर सबसे अहम मुद्दा जनता से जुड़ा हुआ रहेगा। बेरोजगारी, महंगाई समेत कई विभागीय भर्तियों में हुए घोटाले आरक्षण और शिक्षा नीति में जो गलत नीतियां लागू की गई हैं। उन सब को लेकर प्रवक्ताओं के द्वारा जिला और प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की तरफ से पक्ष रखा जाए।
स्वामी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा
बैठक में कहा गया कि स्वामी प्रसाद मौर्या के दिए गए बयान पर कोई भी प्रवक्ता टिप्पणी नहीं करेगा। ना ही उस मुद्दे पर डिबेट में शामिल होना है। यह भी कहा गया कि धार्मिक उन्माद संबंधित जो भी मामले हैं उन मामलों पर कोई भी टिप्पणी या नहीं होगा।
2024 को लेकर तीसरे दौर में प्रवक्ताओं से साथ हुई बैठक
अखिलेश यादव के साथ बैठक में मौजूद एक प्रवक्ता ने बताया कि यह तीसरे दौर की बैठक है। इसके बाद भी बैठक की जाएगी। समय-समय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा प्रवक्ताओं के बीच बैठक करके उचित दिशा-निर्देश दिए जाते रहते हैं। अखिलेश यादव के साथ करीब 60 प्रवक्ताओं ने बैठक की है। इस बैठक में प्रमुख रूप से उन मुद्दों पर ध्यान एकत्रित करने के लिए कहा गया है जो जनता से जुड़े हुए मुद्दे हो।
बेरोजगारी, महंगाई समेत महिला अपराध पर चुनावी मुद्दा
पार्टी के प्रवक्ताओं को साफ तौर पर यह कहा गया कि उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न मुद्दों पर सबसे अहम मुद्दा जनता से जुड़ा हुआ रहेगा। बेरोजगारी, महंगाई समेत कई विभागीय भर्तियों में हुए घोटाले आरक्षण और शिक्षा नीति में जो गलत नीतियां लागू की गई हैं। उन सब को लेकर प्रवक्ताओं के द्वारा जिला और प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की तरफ से पक्ष रखा जाए।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रवक्ताओं को स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर बोलने से बचने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन स्वामी को इस तरह का कोई निर्देश अखिलेश यादव की तरफ से नहीं दिया गया कि वह किसी भी धार्मिक मुद्दे पर ऐसे अनर्गल बयान ना दें। क्या स्वामी प्रसाद मौर्या आगे भी इसी तरह के बयान देते रहेंगे? क्योंकि इस साल की शुरुआत में जिस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी ने पहले रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की उसके बाद ही पार्टी में दो गुट नजर आ रहे थे।
सबसे पहले रायबरेली के विधायक और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने स्वामी के उस बयान का विरोध किया था फिर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने भी बयान को पार्टी का नहीं बल्कि स्वामी का बयान बताया था।
अमेठी के गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कोई भी टिप्पणी नहीं की थी और ना ही उनके बयानों को गलत बताया था ।
अब एक बार फिर जब आज मीडिया टीम के साथ अखिलेश यादव ने यह बैठक की, तो उन्होंने मीडिया पैनलिस्ट को धार्मिक मुद्दों पर बोलने से बचने के निर्देश दे दिए हैं। लेकिन जो पार्टी का नेता लगातार ऐसी बयानबाजी कर रहा है उसे किस तरह के निर्देश दिए इस पर कुछ भी साफ नहीं है। कहीं ये उनकी रणनीति का ही हिस्सा तो नहीं है।