सीतापुर। रेउसा बैराजों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते घाघरा और शारदा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। बाढ़ का पानी नदी से निकलकर गांव की तरफ बढ़ने लगा है। तटवर्ती क्षेत्र के किसानों के खेतों में पानी भरने की कगार पर है। नाले, तालाब, खालिहान मे बाढ का पानी भरने लगा है वहीं दूसरी तरफ बाढ़ जैसे हालात दिखाई देने की संभावना है। शासन-प्रशासन बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए गांव में ग्रामीणों को सतर्क करने का काम कर रहा है क्योंकि अभी गांव के सभी रास्ते खुले हुए हैं बीमार व्यक्तियों को अपने-अपने रिश्तेदारी एवं शरणालय में सबसे पहले भेज दिया जाए।
एक दर्जन से अधिक गांव हुए प्रभावित
उपजिलाधिकारी बिसवां पीएल मौर्य व बाढ़ की स्थिति के दृष्टिगत तहसीलदार बिसवां अबिचल प्रताप सिंह, सिंचाई विभाग सीतापुर के अधिशासी अभियंता विशाल पोरवाल, सहायक अभियंता पुष्कर वर्मा अपनी टीम के साथ युद्ध स्तर पर कटान रोधी कार्य भारी बारिश व कीचड़ की परवाह न करते हुए बंबू कैरेट जैसे कटान रोकने का कार्य करवाया जा रहा है। थानाध्यक्ष थानगांव प्रकाश कुमार, पीएसी कंपनी कमांडर, लेखपाल एवं प्रधान प्रतिनिधि विनोद यादव सहित समस्त टीम के साथ पहुँचे।
नाले, तालाब, खालिहान मे भरने लगा बाढ का पानी
गौलोक कोडर के मजरा पासिनपुरवा, गार्गीपुरवा, जंगल टपरी, चहलारी घाट, मारुबेहड सहित मजरो के ग्रामीण महिलाएं बच्चे एवं बुजुर्गों को सचेत किया और आवश्यक तैयारियों, नाव, शरणालयों का जायजा लिया था। जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह के निर्देश पर शासन-प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी अलर्ट मोड पर और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पीएससी एवं एनडीआरएफ जवान तैयार हैं। वही तहसील प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा बाढ़ क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है।