योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। पिछले दिनों प्रदेश में एक महिला पीसीएस अधिकारी और होमगार्ड कमांडेंट के विवाहेत्तर संबंधों की सडक़ से लेकर सत्ता के गलियारों तक में खासी चर्चा रही। महिला पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या ने जहां प्रशासनिक सेवा में आने के बाद अपने पति आलोक मौर्य को डायवोर्स देने की बात कही तो उसके पति ने अपनी पत्नी के होमगार्ड के जिला कमांडेट से रिश्ते होने की बात कही है। ज्योति और मनीष दुबे की बातचीत सामने आने के बाद अब शासन ने मनीष दुबे को निलंबित कर दिया है। पीसीएस संवर्ग में भले ही इस तरह का प्रकरण संभवत: पहली बार देखने और सुनने को मिल रहा हो लेकिन आईएएस और आईपीएस संवर्ग में इस तरह के कई प्रकरण पहले भी देखने को मिल चुके हैं।
रिटायर्ड होने से पूर्व एक आईएएस ने महिला पत्रकार का थामा हांथ
कई जिलों में डीएम और शासन में विशेष सचिव तथा वर्तमान में केन्द्र में प्रतिनियुक्ति मे तैनात एक महिला आईएएस और उनके पति के रिश्तों के बीच एक बिल्डर का आना दोनों के बीच विवाह विच्छेदन का कारण बना। दोनों के रिश्तों के बीच की तल्खी अखबारों की सुर्खियां भी बनी। इसी तरह राजधानी लखनऊ में अलग.अलग समय पर कई जिलाधिकारियों के दाम्पत्य जीवन के रिश्तों में खटास डायवोर्स की बड़ी वजह बनी।
एक महाशय ने सहयोगी महिला आईएएस के साथ फेरे लेने के लिए केन्द्रीय सेवा में कार्यरत अपनी पत्नी को डायवोर्स दे दिया तो दूसरे ने अपनी महिला आईएएस पत्नी को इस लिए छोड़ा क्यांकि उनके 2017 की पूर्ववर्ती सरकार में सत्तारूढ़ दल से जुड़े व्यक्ति से सबंध थे। शासन में तैनात दो आईएएस अधिकारियों की भी कहानी कुछ इसी तरह की है जब ये दोनों आस-पास के जिलों में जिलाधिकारी पद पर तैनात थे तो दोनों के मिलने.जुलने का ठिकाना गेस्ट हाउस हुआ करता था। अंतरंग संबंधों के बीच दोनों के रिश्तों में ऐसी तल्खी आई की बात तू-तू मै-मैं तक जा पहुंची।
किसी का भाभी पर दिल आया तो कोई दोस्त की बीबी पर मर मिटा
इसी तरह शासन में प्रमुख सचिव पद से सेवानिवृत हुए एक आईएएस के बारे में यह किस्सा किसी से छिपा नहीं है कि उनके अपनी भाभी से ही निजी रिश्ते थे। जिसको लेकर उनके घर की पारिवारिक कलह सत्ता के गलियारों तक सुनाई दी। इसी तरह एक दूसरे आईएएस जो पूर्ववर्ती सरकारों में प्रमुख सचिव पद रहते हुए काफी प्रभावशाली रहे उनका अपनी सरहज (साले की पत्नी) पर ही दिल आ गया। प्रभावशाली पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी सरहज को सरकारी स्तर पर उपकृत करने में कोई कमी नहीं की। कई राजनेताओं के महिला पत्रकारों से विवाह किए जाने के कई किस्से है। यहां एक सीनियर आईएएस अधिकारी सेवानिवृति से पहले एक महिला पत्रकार से दिल लगा बैठे। बाद में वह इस महिला पत्रकार से दाम्पत्य सूत्र बंधन में भी बंधे।
आईपीएस भी पीछे नहीं
प्रशासनिक सेवाओं के अलावा पुलिस सेवा से जुडे अधिकारी भी दिल लेने और देने के खेल में किसी से पीछे नहीं रहे। पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी रहे एक आईपीएस का दिल एक आईएएस की पत्नी पर आ गया। विवाहित होने के बाद भी उन्होंने उस आईएएस की पत्नी से विवाह रचा लिया। जबकि पुलिस महकमे के एक दूसरे उच्चाधिकारी का जब भाजपा के एक नेता की पुत्री पर दिल आ गया।
तो उससे आहत होकर उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली बाद में इस आईपीएस अधिकारी ने भाजपा नेता की उसी पुत्री से विवाह रचा लिया। इसी तरह एक अन्य आईपीएस अधिकारी जब प्रतिनियुक्ति में दिल्ली में तैनात थे तो वहां उनका अपनी किसी सहयोगी से आंखे चार हो गयी। इसकी भनक जब आईपीएस अधिकारी को पत्नी को लगी तो उन्होंने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर यूपी के लिए ही कार्यमक्त करने की मांग की।