सीतापुर। तहसील सिधौली क्षेत्र में 15 वर्ष पूर्व एक गरीब ने अपनी नसबंदी इस लालच मे। करा दी कि उसे जमीन मिल जाएगी। सरकार ने उसे जमीन भी दी लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल ने दूसरे के साथ मिलकर उसका पटटा दूसरे के नाम कर दिया। इस बात को लेकर जब पीडि़त ने लेखपाल से कहा तो लेखपाल ने उसे बताया कि तुम्हें दूसरी जगह पटटा दे दिया गया वहां पर जाओ। पीडि़त जब लेखपाल के बताए स्थान पर पर गया तो वहां पर पटटा दूसरे के नाम पहले से ही था। अब पीडि़त जमीन पाने के लिए दर-दर भटक रहा है और डीएम से न्याय पाने की गुहार लगाई है।
डीएम से लगाई न्याय की गुहार लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात
मामला सिधौली तहसील क्षेत्र के ग्राम ठिठूरा का है। यहां के रहने वाले मेवालाल पुत्र हेमराज 27 नवंबर 2009 को सरकार द्वारा नसबंदी योजना के तहत नसबंदी कराई थी जिस पर उसे गांव के गाटा संख्या 1643 मि में से 0.2000 हे. जमीन दी गई थी। तब से मेवालाल के पास वह जमीन थी। मेवालाल द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि बीते दिनों लेखपाल चंद्रपाल द्वारा नंदलाल पुत्र पोखई को दे दी गई। इसकी जानकारी जब मेवालाल को हुई तो उसने लेखपाल से जानकारी की तो लेखपाल रने बताया किे तुम्हें दूसरी जगह जमीन दे दी गई है।
लेखपाल ने दूसरे के नाम कर दी सरकार द्वारा दी गई जमीन
जब लेखपाल के बताए गए जमीन के कागज निकलवाए गए तो वहां पर दूसरे के नाम पर जमीन पाई गई। अब मेवालाल न घर का रहा और ना ही घाट का। उसने न्याय पाने के लिए डीएम से गुहार लगाई है। वहीं जब इस बारे में तहसीलदार सिधौली से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि मामले उनके संज्ञान में नहीं है। जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।