सीतापुर । खैराबाद में भू-माफिया नगर निकायों की सैकड़ों एकड़ नजूल भूमि पर अब भी कब्जा जमाए हैं, वहीं अधिकारी कागजों पर सरकार की प्राथमिकता पूरी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर शासन व स्थानीय निकाय निदेशालय के कई आदेशों के बावजूद सैकड़ों एकड़ भूमि पर अब भी कब्जा है। मामला खैराबाद नगरपालिका से जुड़ा है काफी सालों से नजूल व अन्य सरकारी जमीनों के पट्टे निरस्त हो चुके थे फिर भी आज के समय मे नजूल व सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार खैराबाद के एक पूर्व चेयर मैन द्वारा काफी जमीनों को अपने नाम करवा कर कुछ जमीनें बेच दी गयी व कुछ पर बिना नक्शा पास करवाये फैक्ट्री व अन्य व्यापार जारी किये हुए है ।वही एक पूर्व सभासद द्वारा भी कई जमीनों का विक्रय कर दिया गया जो कि बिल्कुल अवैध व राजस्व को चूना लगा दिया गया।
खैराबाद में भूमाफियों का बड़ा रैकेट प्रशासन क्या कर पायेगा कार्यवाही
खैराबाद नगरपालिका के अंतर्गत पक्का बाग बड़ा भू भाग जिसकी गाटा संख्या 69 अभिलेखों में फर्जी तरीके से पूर्व चेयरमैन द्वारा पहले अपनेनाम करवा कर करोड़ो रूपये की जमीन बाद में बेच दी गई सूत्र कहते है कि उन जमीनो दाखिल खारिज भी करवा दिया गया। उक्त चैयरमैन पर हाई कोर्ट से मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश होने के बावजूद फ़ाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है। खैराबाद के आसपास पिछले 10 से 15 सालों से नजूल भूमि पर अवैध कब्जा हो रहा है और प्रशासन उनपर कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में भू माफियाओं की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी है कि वे नजूल भूमि का फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे लोगों को बेच दे रहे हैं।
15 साल से चल रहा हैं भूमाफिया का खेल
शासन प्रशासन के नाक नीचे पिछले 10-15 सालों से यह खेल चल रहा है, लेकिन कभी भी इन मामलों को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि शिकायत नहीं हुई है। शहर के चारों कोने से शिकायत आई, मगर प्रशासन ने अवैध कब्जा व प्लाटिंग पर ध्यान ही नहीं दिया।
आदेश के बावजूद नही हुआ मुकदमा पंजीकृत
यूपी में एंटी भू माफिया एक्ट लागू होने के बाद से नगर विकास विभाग सभी निकायों से कई बार पत्र लिखकर कार्रवाई का ब्योरा मांग चुका है, लेकिन अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि अब निकायों के टाल-मटोल को गंभीरता से लिया जाएगा।