सावन के प्रथम दिन मंदिरों में उमड़ी भीड़, भक्तों ने की पूजा अर्चना
सीतापुर। आज सावन के पहले दिन नैमिषारण्य तीर्थ के सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक अपने आराध्य का दर्शन पूजन किया। इस कड़ी में आज सभी शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्तों ने तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में देवादिदेव की भक्ति की। आज नैमिषारण्य तीर्थ के भूतेश्वर नाथ, देवदेवेश्वर मंदिर, रुद्रावर्त तीर्थ, काशी विश्वनाथ, सिद्धेश्वरनाथ, महामृत्युंजय मंदिर समेत सभी प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा भाव के साथ पूजापाठ कर शीश नवाया।
चक्रतीर्थ स्थित भूतेश्वरनाथ मंदिर के सुबह 5 बजे कपाट खोले गए और जलाभिषेक किया गया। आज सावन के पहले दिन भगवान शिव का बेलपत्र, धतूरा, बेल, सुंगधित पुष्प, इत्र एवं शिवप्रिय वस्तुओं से भव्य श्रृंगार कराया गया। वही मंदिर पुजारी द्वारा भगवान की संगीतमय आरती उतारी गयी। इस दौरान नगर के सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही रुद्राभिषेक, जलाभिषेक के साथ ही अखंड रामायण पाठ, शिवतांडव पाठ, रुद्राष्टकम पाठ आदि धार्मिक क्रियाकलापों का दौर चलता रहा।
देवदेवेश्वर घाट पर शौंचालय मिला बंद
नैमिषारण्य तीर्थ अंतर्गत गोमती नदी स्थित प्रमुख देवदेवेश्वर घाट पर आज श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बना शौचालय बंद दिखा। वहीं मन्दिर से घाट पर जाने वाले मार्ग पर कई जगह गढ्ढे व रेन कट दिखाई दिए। सीतापुर हरदोई मार्ग पर पेट्रोल पम्प के पास करीब 100 मीटर की दूरी तक कई गढ्ढे है इनमें से कई गढ्ढे काफी बड़े है जिनमे कावंरियों के वाहन तक पलट सकते है हाल फिलहाल इन पर अभी तक कोई कार्य नही हुआ है।
सीतापुर-हरदोई मार्ग पर मांस बिक्री को लेकर चेतावनी
नैमिषारण्य थाना प्रभारी दिग्विजय पांडेय ने बताया कि सीतापुर हरदोई मार्ग पर हाट बाजारों में खुले में मांस बिक्री करने वालों को चेतावनी दी गई है कि पूरे सावन और अधिक मास में खुले में मांस की बिक्री न की जाए।
रविवार-सोमवार को जुटेगी कांवरियों की भीड़
तीर्थ में हर वर्ष की तरह रविवार की शाम से लेकर सोमवार पूरे दिन देवदेवेश्वर घाट व मन्दिर पर कांवरियों का तांता लगा रहेगा। इस दिन कांवरिये परसोला स्थित गंगा जी से जल लेकर नैमिष तीर्थ अंतर्गत देवदेवेश्वर भगवान को जल चढ़ाते हैं। वहीं हजारों की संख्या में कांवरिये देवदेवेश्वर स्थित गोमती नदी से जल लेकर सीतापुर स्थित श्याम नाथ बाबा और गोला नगर स्थित गोला-गोकर्ण नाथ को जल अर्पित करते है। इस दौरान ये कांवड़ यात्रा ठाकुरनगर, नरसिंघोली, मिश्रिख, बर्मी, रामकोट होते हुए सीतापुर नगर पहुंचती है वही सीतापुर से कांवरिये गोला-गोकर्णनाथ के लिए प्रस्थान करते हैं।