खबर प्रकाशन के बाद एएसपी ने थाना पहुंच महिलाओं के दर्ज किए थे बयान
सीतापुर। आखिरकार कमरे में बंद कर महिलाओं की पटटे से पिटाई करने वाले थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए है। दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशन के बाद हरकत में आए पुलिस विभाग ने जांच कर बड़ी कार्रवाई की है। वहीं सुबह मामले को संज्ञान में लेने के बाद तत्काल आईजी व एसपी से वार्ता कर मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है। इसके अलावा तीनों पर मुकदमा भी दर्ज करने के आदेश दिए गए है। बताते चलें कि रामपुर मथुरा थाना व कस्बा निवासिनी अन्नपूर्णा पुत्री द्वारिका प्रसाद, लक्ष्मी देवी पत्नी निरंकार शर्मा, राजकुमारी पत्नी भंवरलाल, गायत्री पुत्री भंवरलाल, रेखा पत्नी ओमकार ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थनापत्र में बताया है कि 18 जून की दोपहर पारिवारिक विवाद के चलते थाने पर प्रार्थनापत्र देने निरंकार शर्मा एवं ओमकार पुत्रगण द्वारिका रामपुर मथुरा थाने गए थे।
विधायक ज्ञान तिवारी ने आइजी व एसपी से शिकायत कर कार्रवाई के दिए थे निर्देश
सुबह नौ बजे प्रार्थनापत्र देने गए पीडि़त पक्ष के लोग जब शाम तक घर नहीं पहुंचे तो उक्त महिलाएं थाने पहुंचकर प्रार्थनापत्र देने वाले युवकों को थाने में रोंके जाने का कारण पूंछा। आरोप है कि इससे आगबबूला हुए थानाध्यक्ष राम अवध चैहान ने भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए आरक्षियों को बुलाकर एक कमरे में ले जाकर बंद कर पट्टों से जमकर पिटाई की। पिटाई के निशान महिलाओं के शरीर पर मौजूद हैं।
प्रकरण को लेकर शनिवार को दैनिक भास्कर ने खबर का प्रमुखता से प्रकाशन किया था। खबर का संज्ञान लेते हुए सेउता विधायक ज्ञान तिवारी ने तत्काल आईजी तथा एसपी से वार्ता की और इस घटना को शर्मनाक बताते हुए जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद तत्काल एडीशनल एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह शनिवार को महिला पुलिस की टीम समेत रामपुर मथुरा थाने पहुंचे। यहां पुलिस द्वारा की गई मारपीट का शिकार हुई सभी महिलाओं को बुलाकर एएसपी ने वीडीओ ग्राफी कर बयान दर्ज करवाया और महिला आरक्षियों से चोंट के निशानों की पुष्टि करवाई। एएसपी ने पीडि़त महिलाओं को न्यायोचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
इसके बाद शनिवार की शाम को एएसपी द्वारा रिपोर्ट सौपते ही एसपी ने मामले में कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष राम अवध चैहान समेत दो महिला पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया। यही नहीं एसपी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तीनों पुलिसकर्मियों के विरूद्ध मुकदमा भी दर्ज करने के निर्देश दिए है।
सीओ भी नहीं बचा सके थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मियों को
सीतापुर। रामपुर मथुरा थाने में कमरा बंद कर की गई महिलाओं की पट्टे से पिटाई प्रकरण में थानेदार को बचाने के लिए जांचकर्ता सीओ की भूमिका भी क्षेत्रवासी संदेह के घेरे में देख रहे हैं। छपी खबर का संज्ञान लेते हुए एडीशनल एसपी रामपुर मथुरा थाने पहुंचे और पीडि़त महिलाओं के बयान दर्ज करते हुए चोंटो का अवलोकन महिला आरक्षियों से कराया। एएसपी ने मामले में न्यायोचित कार्रवाई का आश्वासन पीडि़त परिवारों को दिया है। बताते चलें कि थाना के अंदर पटअे से की गई पिटाई के बाद में जब मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आया और अखबार नवीसों ने सीओ महमूदाबाद से वार्ता की थी तो उन्होंने थानाध्यक्ष का पक्ष लेते हुए कहा था कि दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में महिलाओं के चोट आई थी वहीं निशान हैं लेकिन जब असलियत खुली तो वह भी थानाध्यक्ष और दो महिला पुलिसकर्मियों को बचा नहीं पाए।