लखनऊ। अखिल भारतीय पंचायत परिषद की स्थापना दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, संगोष्ठी में देश भर के पंचायत परिषद के पदाधिकारी, ग्रामीण विकास व पंचायत मामलों के जानकार सहित बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए। संगोष्ठी में देशभर में पंचायत परिषद के माध्यम से अबतक क्या खोया व क्या पाया और भविष्य में कौन-कौन से क्रिया-कलापों व कार्यक्रम के आधार आगे बढ़ना है, पर महानुभावों ने अपने विचार प्रकट किये।
कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान और मीडिया सलाहकार बद्री नाथ आदि ने व्यक्त किए विचार
परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान ने बताया कि गाँधीजी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार करने को लोकनायक जयप्रकाश नारायण और बलवंत राय मेहता जैसे महान विभूतियों के द्वारा 12 अप्रैल 1958 को अखिल भारतीय पंचायत परिषद की स्थापना की गई थी। अपने स्थापना काल से ही परिषद सत्ता के विकेंद्रीकरण और गांवों के मजबूती के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस अवसर पर पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्रीनाथ ने कहा कि गर्व की बात है कि हमारी संस्था के संस्थापक अध्यक्ष बलवंत राय मेहताजी के सुझावों नें देश में पंचायती राज को नए आयाम दिया। रचना और संघर्ष हमारी परंपरा रही है। इसी बलबूते अखिल भारतीय पंचायत परिषद देश की तरक्की और लोकतंत्र के निचले स्तर को सशक्त करने में अहम् योगदान देता रहा है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा किये गए 73वें संविधान संशोधन की बात हो या फिर नरसिम्हा राव द्वारा 74वें संविधान संशोधन की, दोनों का योगदान पंचायत व्यवस्था के क्षेत्र में काफी अहम् रहा है। यूपीए सरकार द्वारा मुखिया के खाते में डॉयरेक्ट पैसे भेजने की शुरुआत की गई। इससे प्रधानों को बड़ी ताकत मिली। फलतः गावों की समस्याओं के समाधान के लिए आत्मनिर्भरता का संचार हुआ।
आगे कैसे पंचायतों एवं पंचायत के प्रतिनिधियों को आत्मनिर्भर बनाना है, इसके लिए देशभर में गोष्ठी के माध्यम से मंथन किया गया और ढेर सारे महत्वपूर्ण सुझाव केंद्रीय कार्यालय में मंगाए जा रहे हैं। देश भर से आए अहम् सुझावों से एआईपीपी आगे की कार्ययोजना तैयार करेगी। इन सुझावों को देश के हर पंचायती महकमों में भेजकर पंचायत सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
इस मौके पर महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, यूपी प्रभारी, बागपत के गुंगाखेड़ी गांव के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरपंच भूपेंद्र सिंह आदि गण्यमान्य भी अपने विचार प्रकट किये। गौरतलब है कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय के निर्देश पर सभी प्रदेश अध्यक्षों, सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा परिषद के 65वें स्थापना दिवस 12 अप्रैल 2023 को देशभर में जिलों में पंचायत परिषद नें क्या खोया, क्या पाया और आगे हमें क्या पाना है, विषय पर विचार-गोष्ठी आयोजन की रूप-रेखा तैयार की गई थी।