दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। गर्मी का मौसम शुरू होते ही अग्निकांडों की संख्या में इजाफा शुरू हो गया है, कहीं खेतों-खलिहानों में फसलें जलकर राख हो रही हैं तो कहीं दुकानों-घरों में आग से सबकुछ स्वाहा हो रहा है। हाल ही में कानपुर और प्रयागराज में भीषण अग्निकांड से व्यापारियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है और सैकड़ों की संख्या में व्यापारी प्रभावित हुए हैं।
अग्निकांड से पीड़ित व्यापारियों की मदद के लिए उद्योग व्यापार मंडल की ओर से गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेज कर विभिन्न मांगें उठाई हैं। कहा है कि अग्निकांडों से प्रभावित व्यापारियों को टैक्स और कर्ज वसूली से राहत दी जानी चाहिए और भविष्य ऐसे अग्निकांडों को रोकने के लिए ठोस व्यवस्था होनी चाहिए।
भविष्य में अग्निकांडों को रोकने के लिए ठोस इंतजाम करने की मांग
गुरुवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले दर्जनों व्यापारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा। ज्ञापन के माध्यम से व्यापारियों ने बताया है कि हाल ही में 30 मार्च को कानपुर के कोपरगंज में गारमेंट्स बाजार और 1 अप्रैल को प्रयागराज के घंटाघर चौक स्थित नेहरू कांप्लेक्स में हुए भीषण अग्निकांड से जहां करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई, वहीं सैकड़ों व्यापारी प्रभावित हुए हैं। व्यापारी नेताओं ने अग्निकांड से प्रभावित व्यापारियों को नुकसान का अांकलन करके उचित मुआवजा दिए जाने के साथ ही व्यापारियों को जीएसटी, बिजली बिल, विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि विभागों की वसूली से राहत दी जाए।
अग्निकांड पीड़ितों की मदद को उद्योग व्यापार मंडल ने भेजा ज्ञापन
कहा है कि अग्निकांड पीड़ित व्यापारियों को उनका व्यापार सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। जीएसटी रिर्टन दाखिल करने में छह माह की छूट दी जाए, सभी शासकीय और अर्द्धशासकीय विभागों और बैंकों की वसूली से दो वर्ष की छूट दी जाए। साथ ही व्यापारियों ने भविष्य अग्निकांडों पर अंकुश लगाने के लिए जनपदवार जनसंख्या के हिसाब से हाइड्रोलिक फायर वाहन उपलब्ध कराने की मांग भी बुलंद की है। ज्ञापन देने वालों में व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश सर्राफ, नगर अध्यक्ष संतोष गुप्ता अनशनकारी, महामंत्री संजीव सेठ, अंकित साहू, महेश गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता समेत तमाम व्यापारी शामिल रहे।