सुल्तानपुर । जनपद के बल्दीराय थाना क्षेत्र के सिधई भगत के पुरवा गांव के कुएं में 12 साल पहले महिला का शव मिला था । महिला के भाई ने पति और ससुरालियों पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया था । 12 साल बाद आए फैसले में कोर्ट ने पति और ननद को राहत देते हुए बरी कर दिया । बारह साल पहले हुए महिला की मौत मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी पति को राहत दी है । कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति और ननद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया । महिला की मौत का ये मामला 12 साल पुराना है । महिला की लाश कुंए में मिली थी । घटना जनपद के बल्दीराय थाना क्षेत्र के सिधई भगत के पुरवा गांव में हुई थी । मृतका का मुसाफिरखाना में मायका था ।
प्राप्त समाचार के अनुसार शिवशंकर यादव निवासी पलिया चंदापुर मुसाफिरखाना ने एफआईआर लिखायी थी कि उसकी बहन गायत्री की शादी 12 साल पहले संतोष यादव के साथ हुई थी । 24 अप्रैल को वह अचानक गायब हो गई थी । उसके चार दिन बाद महिला का शव गांव के बाहर कुंए में मिला था । भाई शिवशंकर यादव का आरोप था कि पति और ससुरालीजनों ने दहेज में बाइक, टीवी व अन्य सामान की मांग पूरी नहीं होने पर उसकी हत्या कर दी । पुलिस ने ससुर छत्रपाल, ननद गुड्डू, पति संतोष व ननद मायादेवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की । विवेचना में पुलिस ने ससुर छत्रपाल, ननद गुड्डू की नामजदगी गलत पाई ।लेकिन इसके बाद विवेचक ने पति संतोष व ननद मायादेवी के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया ।
पति ने ही थाने पर पत्नी के गायब होने की सूचना दी थी। अभियोजन ने आठ गवाह पेश किए । बचाव पक्ष के अधिवक्ता जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि पत्नी के गायब होने की सूचना संतोष ने ही थाने पर दी थी। शव पर कोई चोट नहीं थी । आठ साल बच्चा न होने पर महिला का कोई उत्पीड़न नहीं किया गया । संतोष सीआरपीएफ में था । पत्नी साथ जाना चाहती थी, जबकि पति बुजुर्ग पिता के पास रहने के लिए कह रहा था। उसके पास पहले से बाइक थी । ननद माया देवी की शादी दस साल पहले 35 किलोमीटर दूर हुई थी । जज राजेश नरायण मणि त्रिपाठी ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के आधार पर पति संतोष को मामले से बरी कर दिया ।