मैनपुरी। जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला वृक्षारोपण समिति, जिला पर्यावरण समिति, जिला गंगा समिति की बैठक की समीक्षा के दौरान वन महोत्सव के अंतर्गत रोपित किए गए वृक्षों की जियो टैगिंग की प्रगति खराब पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्बन्धित अधिकारी 02 दिन में अवशेष जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण करें, सबसे खराब प्रगति विकास खण्ड बेवर की है।
उन्होंने कहा कि जो भी वृक्ष रोपित किए गए हैं, उनकी जियो टैगिंग के साथ-साथ उनके संरक्षण की भी पूरी व्यवस्था की जाए, विभिन्न विभागों द्वारा वन महोत्सव के अंतर्गत रोपित किए गए वृक्षों का सत्यापन अन्य विभागों के अधिकारियों के माध्यम से कराया जाय। उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के बेहतर प्रबंध किए जाएं, बायो मेडिकल वेस्ट ले जाने वाले वाहन जीपीएस सिस्टम युक्त रहे और उनकी मानीटरिंग की जाए, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर नजर रखें, बायो मेडिकल वेस्ट के साथ अपशिष्ट ठोस प्रबंधन का भी नियमानुसार निस्तारण कराएं।
उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी रोपित पौधों का कुछ विभागों द्वारा अभी तक जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण नहीं किया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि आगामी 02 दिन में शत-प्रतिशत जियो टैगिंग कर वन विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, जानकारी करने पर पाया कि जियो टैगिंग की सबसे खराब प्रगति विकास खंड बेवर की है जहा मात्र 54.83 प्रतिशत ही जियो टैगिंग का कार्य किया गया है जबकि विकास खंड करहल में 98 प्रतिशत विकास खंड किशनी में 97 प्रतिशत तथा विकास खंड घिरोर में 89. 68 प्रतिशत जियो टैगिंग की गई है। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि वृहद स्तर पर जिन विभागों द्वारा वृक्षारोपण किया गया है।
उन विभागों के अधिकारी वृक्षों की देखभाल हेतु एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें, जो नियमित रूप से क्षेत्र का भ्रमण कर रोपित किए गए वृक्षों की जानकारी करें, साइट पर कोई न कोई कमी ड्यूटी पर तैनात रहे, जो पौधे सूख गए हैं उनके स्थान पर नए पौधे लगाए जाएं, इस कार्य में किसी भी स्तर पर विलंब न किया जाए। उन्होंने प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी को निर्देशित करते हुए कहा कि तैनात सेक्टर जोनल अधिकारियों के माध्यम से अंर्तविभागीय रूप से रोति किए गए वृक्षों का सत्यापन कराकर रिपोर्ट प्राप्त करें, उप जिलाधिकारी जोनल अधिकारी के रूप में कार्य कर रोपित वृक्षों का अपने स्तर से सत्यापन कराएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी वर्ष 2023 में वृक्षारोपण अभियान के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दें, भूमि के चिन्हांकन के साथ-साथ किस स्थल पर कितने पौधे रोपित किए जा सकेंगे, उसका पूरा खाका तैयार कर ले ताकि अभियान के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी ने ग्राम गंगा समिति की समीक्षा के दौरान पाया कि 173 ग्राम पंचायतों में गंगा समितियों का गठन किया जा चुका है, जिस पर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को तत्काल डीएफओ को सूची उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किया। मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा रोपित किय गये वृक्षों का सत्यापन कर रिर्पोट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था लेकिन अभी तक कुछ अधिकारियों द्वारा सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि जो गांव नदियों के किनारे हैं और जहां गंगा समितियों का गठन किया जा चुका वहां तत्काल कार्ययोजना बना कर प्रस्तुत की जाये, जानकारी करने पर पाया कि मतस्य, सिंचाई विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार कर वन विभाग को उपलब्ध करायी जा चुकी है, अभी मनरेगा द्वारा कार्ययोजना उपलब्ध नहीं करायी गयी है, जिसपर उन्होंने उपायुक्त मनरेगा को तत्काल कार्ययोजना उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पी.पी. सिंह, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी एस.एन. मौर्य, उपायुक्त मनरेगा पी.सी. राम, क्षेत्राधिकारी नगर संतोष कुमार, जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी प्रशांत, जिला पूर्ति अधिकारी कयामुद्दीन अंसारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, श्रम प्रवर्तन अधिकारी आर. एम. मिश्र, उप प्रभागीय वनाधिकारी भानेन्द्र सिंह, वन क्षेत्राधिकारी दाताराम, महेंन्द्र सिंह, सेक्शन वनाधिकारी राजीव दीक्षित, विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहे।