-सीसीएसयू के उर्दू विभाग में आयोजित हुआ जश्न ए सर सैयद कार्यक्रम
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। शिक्षा समाज के विकास की गारंटी है। सर सैयद ने शिक्षा और विशेषकर आधुनिक शिक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया, क्योंकि वे भारत और भारतीयों का विकास चाहते थे और यह सब शिक्षा के माध्यम से ही संभव था। इसलिए सर सैयद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके मिशन यानी शिक्षा को अच्छी तरह से फैलाने और अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने के लिए उनके मार्ग का अनुसरण करते हैं। ये शब्द थे प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन के, जो उर्दू विभाग के मुख्य अतिथि थे।
सोमवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में सर सैयद एजुकेशनल सोसाइटी और अंतर्राष्ट्रीय युवा उर्दू स्कॉलर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्र चिंतक, प्रख्यात बुद्धिजीवी एवं शिक्षाविद् सर सैयद अहमद खाँ की 71वीं जयंती का कार्यक्रम प्रेमचंद सेमिनार हॉल में आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अल्पसंख्यक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष डॉ. मेराजुद्दीन अहमद खान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। संचालन डॉ. आसिफ अली द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत अशमीरा द्वारा तिलावत से की गई। उर्दू मॉडल स्कूल की छात्रा हुसना बेगम ने पवित्र कुरान का पाठ पढ़ा। मेरठ गर्ल्स पब्लिक स्कूल की जीनत नईम ने नात पाक पढ़ी। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शहर काजी प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन ने कहा, सर सैयद ने ऐसे अशांत दौर में राष्ट्र सुधार का जिम्मा संभाला था, जब हर तरफ अंधेरा दिखाई दे रहा था। उन्होंने देश का हौसला बढ़ाया और उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में उच्च शिक्षा को राष्ट्र कल्याण के लिए बढ़ावा दिया। आफाक अहमद खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में डॉ. शबिस्ता आस मुहम्मद, इंजीनियर रिफत जमाली, अतहर खान, मुहम्मद इमरान, उजमा परवीन, फराह नाज, नवाबुद्दीन और बड़ी संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। सईद सहारनपुरी, मुहम्मद शमशाद आदि का सहयोग रहा।
आज के समय में बच्चों को शिक्षित करना जरूरी: जमशेदपुरी
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कहा, अशांत युग में एक व्यक्ति का इतना बड़ा पराक्रम वास्तव में एक शानदार और साहसिक अघटना है। यह सराहनीय और प्रशंसनीय है। बच्चों की सफलता तब तक बहुत कठिन है जब तक वे शिक्षा से सुसज्जित नहीं होते। आज हर माता-पिता के लिए अपने बच्चों को विज्ञान, समाज, कंप्यूटर, तकनीक, इंटरनेट आदि के बारे में शिक्षित करना जरूरी है, तो निश्चित रूप से समाज में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और इससे समाज का भी विकास होगा।
प्रतियोगिता में इन छात्रों का रहा जलवा
सर सैयद लेखन एवं भाषण प्रतियोगिता में हमीदिया गर्ल्स हाई स्कूल की हुसना बेगम को प्रथम, उर्दू मॉडल स्कूल की रमीशा को द्वितीय, शुमायला को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। लिखित प्रतियोगिता में क्रमश: मेरठ यूनानी स्कूल हैदर पब्लिक स्कूल की उस रुश्दा को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भाषण प्रतियोगिता में हुसना बेगम उर्दू मॉडल स्कूल की रमुशा ने प्रथम पुरस्कार और उसी स्कूल के उर्मिश को द्वितीय पुरस्कार और अकील फातिमा मेमोरियल स्कूल के नबिया को तृतीय पुरस्कार और काशीना को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। इन प्रतियोगिताओं में जज के रूप में मेरठ गर्ल्स स्कूल की डॉ. हुमा मसूद, डॉ. फरहत खातून, रमा नेहरू और जीशान खान ने भाग लिया।