–विवि में व्यक्तिगत (स्नातक) परीक्षा बंद करने के विरोध में ‘आप’ ने कुलपति को सौंपाा एक ज्ञापन
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत (स्नातक) परीक्षा बंद करने के विरोध में शनिवार को आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को एक ज्ञापन दिया, जिसमें कहा गया, एक तरफ जहां शिक्षा सरल और सुलभ होनी चाहिए, वही व्यक्तिगत स्नातक को बंद करने के कदमों से ग्रामीण अंचल में रहने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को शिक्षा से दूर किया जा रहा है, जिससे साफ जाहिर है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।शिक्षा के निजीकरण का सबसे ज्यादा नुकसान गरीब गाँव, देहात के छात्रों को होगा, क्योंकि ये छात्र पढ़ाई के साथ-साथ मेहनत, मजदूरी कर अपने परिवार की आर्थिक मदद भी करते है, जो छात्र संस्थागत (रेगुलर) पढ़ना चाहता है, उसके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाए भी नहीं दी जाती है, जहाँ सरकारी कॉलेज में शिक्षकों की कमी है, वहीं दूसरी ओर निजी कॉलेजों में शिक्षक है ही नहीं, केवल कागजों में कॉलेज चल रहे हैं। ग्रामिण परिवेश में अब भी महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने में अनेक कठिनाई आती है, उन सभी को व्यक्तिगत (प्राइवेट) शिक्षा ग्रहण करने में आसानी होती है। चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय द्वारा शिक्षक और बुनियादी सुविधाओं रहित निजी कॉलेजों के हित में लिए गए इस फैसले से आम आदमी पार्टी सहमत नहीं है और इसे पुनर्स्थापित करने का अनुरोध कुलपति को ज्ञापन दिया गया। इस मौके पर महासचिव जीएस राजवंशी, कोषाध्यक्ष एसके शर्मा, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष जूही त्यागी, गुरमिंदर सिंह, यूथ विंग जिलाध्यक्ष तेजस चौहान, छात्र युवा संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष मोहम्मद शुएब, जिला मिडिया प्रभारी मनोज शर्मा, जिला उपाध्यक्ष करन अग्रवाल, दक्षिण विधान अध्यक्ष सलीम मंसूरी आदि मौजूद रहें।