दैनिक भास्कर
काशीपुर। मौसम के लगातार बदलते तेवर के चलते धान की फसल को भारी नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। मौसम परिवर्तन के चलते खेतों में पानी भरने से फसल में बीमारियों के लगने व धान की पकी फसल के झुकने से किसानों की परेशानी बढ़ी है। विगत वर्ष भी इसी समय तेज हवा के साथ हुई बारिश से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। अक्टूबर माह में हो रही बरसात से धान की फसल के कटाई के बाद मटर, आलू, लाई एवं गन्ने आदि की फसलों की बुवाई लेट होने का खतरा मंडराने लगा है । इससे किसानों को परेशानी होने लगी है।
बीमारी लगने एवं अगली फसल की बुआई लेट होने का सताने लगा डर
गौरतलब है कि प्रदेश में जिस तरह से मौसम ने करवट बदली है और लगातार कई दिनों से हवा के साथ बरसात हो रही है, उससे जिले के किसानों को परेशानी होने लगी है। इस समय धान की फसल लगभग तैयार हो चुकी है और किसान खरीफ की फसल की कटाई के बाद रवि की फसल की तैयारी करते हैं, लेकिन हवा के साथ बरसात होने से खेतों में पानी भरने से धान की फसल गिरने से किसानों की परेशानी बढ़ गई।
क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि मौसम इसी तरह अपना करवट बदलता रहा तो निश्चित रूप से किसानों को धान के उत्पादन प्रभावित होने से ज्यादा फायदा मिलने वाला नहीं है। एक ओर मौसम की मार तो वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक बीमारियां लगने से धान की फसल में नुकसान हुआ है। अब पिछले कई दिनों से मौसम पूरी तरह साफ नहीं होने से पकी धान की फसल को जैसी हवा, पानी मिलना चाहिए, वैसी मिल नहीं पा रही है। अब फसल के गिरने से किसान को कटाई करने को ज्यादा दाम चुकाने होंगे तो वहीं उत्पादन प्रभावित होने की भी चिंता सताने लगी है।