आश्रम पर कब्जे को लेकर भिड़े संतों के दो पक्ष, आधा दर्जन घायल

भास्कर समाचार सेवा

वृंदावन। वृन्दावन कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोतीझील स्थित भूरी वाला आश्रम पर कब्जे को लेकर संतों के दो पक्षों में भिड़ंत हो गई। दोनों ओर से जमकर लाठी डंडे चलने से एक पक्ष के अध्यक्ष स्वामी दर्शनानन्द समेत करीब आधा दर्जन सन्त घायल हो गए। वहीं सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को बमुश्किल समझा बुझाकर मामला शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय भिजवा दिया।

इस मामले में प्रथम पक्ष के स्वामी नारायणानंद गिरी एवं घायल गौतमानंद गिरी की मानें तो यह आश्रम स्वामी भूमानंद महाराज की निजी संपत्ति थी। उन्होंने सन 2016 में स्वामी दर्शनानंद को चल अचल संपत्ति के लिए आजीवन अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा था लेकिन दूसरे पक्ष के लोग जबरन आश्रम पर कब्जा करना चाहते हैं। इसी के तहत नामजद संतों ने अपने करीब 30-35 साथियों के साथ मिलकर आश्रम पर हमला बोल दिया।

वहीं दूसरे पक्ष के स्वामी कृष्णानंद का कहना है कि स्वामी भूमानन्द समेत तीन चार गुरु भाइयों ने मिलकर करीब 50 वर्ष पूर्व इस आश्रम का निर्माण कराया था। करीब 20-22 वर्ष पूर्व ट्रस्ट बनाया गया। जिसके अध्यक्ष स्वामी भूमानंद महाराज बने और उनके निधन के बाद उपाध्यक्ष प्रकाशानंद को अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन तीन चार महीने पूर्व स्वामी दर्शनानंद ने उन्हें डरा धमकाकर आश्रम से बाहर निकाल दिया। तब से उन्हें या उनके पक्ष के किसी भी संत और भक्तों को आश्रम में प्रवेश नहीं करने देते हैं। साथ ही उनका आरोप है कि आश्रम में शरद पूर्णिमा पर होने वाले वार्षिक उत्सव को मनाने के लिए वे लोग गुरुवार को आश्रम पर आए तो उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। जबकि वर्तमान में 15 में से 13 ट्रस्ट द्वारा उन्हें अध्यक्ष चुना जा चुका है। सुबह उन्होंने आश्रम में प्रवेश करने के लिए बोला तो उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी।
वही इस संबंध में जानकारी देते हुए वृंदावन कोतवाली प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया कि दोनों ही पक्षों ने तहरीर दे दी है। तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है।

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