डीएम की पहल पर डिजिटल हुई तहसील की खतौनी विंडो
लखीमपुर खीरी। खतौनी की प्रमाणित प्रति निकलवाने के लिए तहसील में पहले नकद शुल्क जमा करना पड़ता था, अब किसान तहसीलों में मोबाइल के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करके अनुमन्य धनराशि जमा कराने की सुविधा शुरू कर दी गई।
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल के तहत खीरी जिले की सभी सात तहसीलों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खतौनी प्रदान किए जाने वाले काउंटरों पर एसबीआई बैंक के जरिए क्यूआर कोड की सुविधा उपलब्ध कराई, ताकि किसान खतौनी की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के जरिए डिजिटल भुगतान कर सके।
डीएम के निर्देश पर भारतीय स्टेट बैंक के टेक्निकल सपोर्ट अधिकारियों ने संबंधित तहसील के तहसीलदारों से समन्वय स्थापित कर तहसीलों में क्यूआर कोड की सुविधा उपलब्ध कराई, ताकि किसान अपने मोबाइल से डिजिटल भुगतान करके खतौनी की प्रमाणित प्रति कर सके। हाल ही में डीएम ने बैंक के वरिष्ठ अफसरों को इस व्यवस्था को शुरू करने के बाबत बैठक करके स्पष्ट निर्देश दिए थे। बैंक महकमे ने न केवल क्यूआर कोड स्टाल किया बल्कि तहसील कार्मिकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया।
सीएचसी-सीएससी पर भी लगेंगे क्यूआर कोड, डिजिटल पेमेंट की मिलेगी सुविधा
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताते हैं कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्चा काउंटर एवं कॉमन सर्विस सेंटर में भी क्यूआर कोड की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर सरकारी योजनाओं के ऑनलाइन आवेदनों में अनुमन्य शुल्क आवेदक क्यूआर कोड के जरिए डिजिटल ट्रांसफर कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह जहां एक और लोगों को डिजिटल लेनदेन के प्रति प्रेरित और प्रोत्साहित करेगी, वहीं टेक्नोलॉजी फ्रेंडली भी बनाएगी।
खतौनी शुल्क जमा करने की यह है नई प्रक्रिया
एसबीआई के मुख्य प्रबंधक ने बताया कि शुल्क जमा करने के लिए तहसील परिसर में स्थापित काउंटरों पर क्यूआर कोड स्कैन करके खतौनी शुल्क जमा कर सकते हैं। क्यूआर कोड करने पर एक मैसेज प्राप्त होगा, जिसे संबंधित अधिकारी को दिखाना होगा। और आपके भुगतान की पुष्टि हो जायेगी। क्यूआर कोड प्रक्रिया पूर्णतया निःशुल्क है।