लखीमपुर खीरी : तंबाकू उत्पादों के सेवन से महिलाओं में बढ़ जाता है गर्भपात का खतरा

जिला महिला चिकित्सालय में गोष्ठी कर गर्भवती माताओं को दी गई तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसानों की जानकारी

लखीमपुर खीरी। तंबाकू निषेध कार्यक्रम के अंतर्गत एक गोष्ठी का आयोजन जिला महिला चिकित्सालय ने किया गया, जहां तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसानों के बारे में गर्भवती माताओं सहित उपस्थित लोगों को जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने की। इस दौरान सीएमएस डॉ. पुष्पलता सहित मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश शुक्ला, एनसीडी एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता ने जनसमूह को तंबाकू से होने वाली बीमारियों और नुकसान के बारे में जानकारी दी।

तंबाकू निषेध कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए गर्भवती माताओं को बताया कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से गर्भवती माताओं और अन्य महिलाओं को भी तमाम तरह की बीमारियां हो रही हैं। अगर पिछले वर्ष की बात करें तो जिले में 2020-21 वित्तीय वर्ष में कैंसर के 58 मरीज मिले हैं। जिनमें 44 महिलाएं हैं और 14 पुरुष हैं। ऐसे में यह बात साफ है कि कहीं ना कहीं कैंसर महिलाओं में अधिक पाया जा रहा है। ऐसे में यह जरूर साफ हो गया है कि महिलाओं को इस बीमारी से बचना चाहिए और कैंसर के होने का प्रमुख कारण तंबाकू के उत्पाद हैं तो इनसे दूरी बहुत जरूरी है।

वहीं मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश शुक्ला ने बताया कि तंबाकू उत्पादों से गर्भवती माता सहित उसके पेट में पल रहे नवजात को भी बेहद ज्यादा खतरा होता है, अगर कोई भी गर्भवती महिला तंबाकू उत्पाद का सेवन करती है या उसके आसपास कोई बीड़ी, सिगरेट, चिलम या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करता है तो उसका धुआं भी गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में घर के किसी भी सदस्य में इसकी लत गर्भवती महिला व शिशु को नुकसान पहुंचाती है। जिससे गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। सीएमएस जिला महिला चिकित्सालय डॉ. पुष्पलता ने बताया कि तंबाकू उत्पाद का सेवन ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ा है। आज महिलाओं में गुटखा, बीड़ी, चिलम पीने की आदत बड़ी है जो उनके स्वास्थ्य को खासा नुकसान पहुंचाती हैं। इस दौरान एनसीडी एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि कैंसर लाइलाज बीमारी है इससे बचाओ ही बेहद अच्छा तरीका है और कैंसर का जो इलाज है अभी वह ज्यादा महंगा है जो परिवार की वित्तीय स्थिति को खराब कर देता है।

इस दौरान एनसीडी सेल से फाइनेंस कम लॉजिस्टिक विजय वर्मा, जिला चिकित्सालय काउंसलर देवनंदन श्रीवास्तव, साइकेट्रिक सोशल वर्कर अतुल पांडे, साइकेट्रिक स्टाफ नर्स विवेक मित्तल, जिला महिला चिकित्सालय से डॉ सुषमा सिंह, डॉ. अर्चना, फार्मासिस्ट इंद्र कुमार अवस्थी, सुष्मिता वर्मा, अशोक कुमार पांडे, लोकेश सिंह, शिप्रा वर्मा सीपी पांडे आदि उपस्थित रहे।

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