दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। जिलाधिकारी अनुराग पटेल की निरीक्षण एक्सप्रेस फर्राटा भर रही है और कार्यालयों में सुधार और अभिलेखों के रखरखाव को लेकर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। गुरुवार को सुबह 10.30 बजे डीएम का काफिला जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पहुंच गया, जहां निरीक्षण के दौरान उन्हें तमाम खामियां देखने को मिलीं।
खामियों पर जिलाधिकारी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक समेत आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों का वेतन रोक दिया, जबकि बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक को वेतन रोकने के साथ ही प्रतिकूल प्रवृष्टि देने के निर्देश दिए। डीएम ने अधिकारियों-कर्मचारियों को अभिलेखों का रखरखाव दुरुस्त रखने समेत कार्यालयों में सफाई अभियान चलाने की सख्त हिदायत दी।
कार्यालय का रखरखाव और स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई कराने की दी हिदायत
गुरुवार को डीएम अनुराग पटेल सबसे पहले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें वित्त एवं लेखाधिकारी अभिषेक यादव, जिला समन्वयक एमडीएम भास्कर असवानी, जिला समन्वयक सिविल मो.आमिर, जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता सूर्यप्रकाश व कनिष्ठ सहायक नरेंद्र कुमार अनुपस्थित मिले।
डीएम ने सभी अनुपस्थित अधिकारी कर्मचरियों का एक दिन का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया। बीएसए कार्यालय में एमडीएम, परियाेजना अधिकारी कक्ष, कंप्यूटर कक्ष, एमआईएस कक्ष, लेखाकार कक्ष समेत समेकित शिक्षा कक्षों का निरीक्षण किया गया, जहां गंदगी का अंबार मिला और अभिलेखों का रखरखाव भी दुरुस्त नहीं मिला।
डीएम ने किया डीआईओएस व बीएसए कार्यालय का औचक निरीक्षण, गंदगी पर भड़के
जिस पर डीएम कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए बीएसए रामपाल को तीन दिन के अंदर अभियान चलाकर साफ सफाई और अभिलेखों का रखरखाव दुरुस्त करने की हिदायत दी। वहीं डीएम वरिष्ठ सहायक साबिर से 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के संबंध में जानकारी मांगी तो वह सही ढंग से जवाब नहीं दे सके, जबकि 855 अध्यापकों के अभिलेखों का सत्यापन न कराए जाने और कार्यों मंे लापरवाही बरतने पर वरिष्ठ सहायक साबिर का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने और प्रतिकूल प्रवृष्टि देने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का निरीक्षण किया, जहां सभी कर्मचारी उपस्थित मिले।
डीएम ने कार्यालय के सभी पटलों का निरीक्षण किया और साफ सफाई संतोषजनक न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। कार्यालय के तीन कमरों में बंद तालों को खुलवाकर देखा तो वहां का नजारा देखते ही डीएम भड़क गए और जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद सिंह का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया। कमरों मंे पुरानी पत्रावलियां, 18 बड़े बक्से, 15 छोटे बक्से, 10 अलमारी, 3 लकड़ी की अलमारी, 5 हारमोनियम, 2 सिलाई मशीन, 3 टेप रिकार्डर व 2 पुराने प्रेस कबाड़ के रूप मंे मिले। कमरों की हालत देखकर ऐसा लगता है जैसे उन्हें कई वर्षों से खोला ही न गया हो। डीएम ने पुराने अभिलेखों और निष्प्रयोज्य सामग्री को समिति बनाकर नियमानुसार नीलामी कराने की हिदायत दी।