बांकेगंज मेें रेलवे गेट बंद होने से कुकरा की ओर से आने वाले यात्रियों की छूट जाती है ट्रेन
बांकेगंज-खीरी। बांकेगंज में रेलवे स्टेशन तक जाने हेतु वैकल्पिक मार्ग न होने से यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है । गौरतलब है कि बांकेगंज के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने हेतु न ही कोई अन्य वैकल्पिक मार्ग है और न ही अण्डरपास बना है क्योंकि, बीच में रेलवे लाइन होने के कारण बांकेगंज दो भागों में विभाजित है और यदि किन्ही कारणोंवश रेलवे फाटक घण्टो बन्द हो जाये तो बांकेगंज के निवासियों को अपने चौपहिया वाहन अथवा दोपहिया वाहन को एक ओर खड़े करके पैदल ही दूसरी ओर जाना पड़ेगा ।
ग्रामीणों ने बताया कि बांकेगंज में 2016 के पहले जब छोटी लाइन चलती थी और रेलवे स्टेशन नजदीक था तब इस प्रकार की समस्या न थी । यदि रेलवे गेट बन्द हो जाता था तो स्टेशनपुरवा होते हुए प्लेटफार्म तक पहुँचा जा सकता था। किन्तु, आमान परिवर्तन के बाद रेलवे गेट से प्लेटफार्म की दूरी करीब 1किमी हो गयी है व रेलवे स्टेशन तक पहुँचने के लिए कोई अन्य मार्ग भी नहीं है, इसलिए रेलवे गेट बन्द होने पर ट्रेन पकड़ना मुश्किल रहता है ।
▪️”स्टेशनपुरवा के डाॅ. सुधाकर पुष्कर ने बताया कि हाल ही में रेलवे ने हदबंदी की है जिसमें रेलवे ने अपने पिलर स्टेशनपुरवा में बने घरों की हद तक लगाये हैं । जो रास्ता पहले बांकेगंज-कुकरा मार्ग से लिंक होकर अन्दर की ओर चल रहा था वह भी रेलवे विभाग बन्द करने की तैयारी कर रहा है । यदि रेलवे विभाग उसी रास्ते को दुरूस्त कर दे तो कुकरा की ओर व नहर के पार के गांव से आने वाले लोगों को गेट बंद होने पर भी प्लेटफार्म तक पहुँचने के लिए आसानी होगी क्योंकि, यही एकमात्र मार्ग है जिससे यात्री रेलवे स्टेशन तक आसानी से पहुँच सकते हैं और यह सीधा रेलवे स्टेशन से मिलता भी है ।”
▪️”स्टेशनपुरवा के रहने वाले रवि वर्मा ने बताया कि पूर्व में जब छोटी लाइन की ट्रेन चल रहीं थी तो गेट बन्द होने पर लोग चौपहिया वाहन चौपुला होते हुए बांकेपुर के रास्ते निकाल लेते थे। किन्तु, जब से बड़ी लाइन हुई है वह वैकल्पिक मार्ग भी बन्द है । अब यदि रेलवे गेट के आसपास कुकरा रोड पर कोई बड़ा वाहन खराब हो जाय या घण्टों रेलवे गेट बंद रहे तो व्यक्ति को पांच किमी दूर बंजरिया , महारताला गाँव होते हुए गोला-बांकेगंज मुख्य मार्ग के सहारे बांकेगंज में प्रवेश करना होगा । इस समस्या के समाधान के लिए यदि बीच में कोई अण्डरपास बन जाये तो समस्या का समाधान हो सकता है ।”
▪️”कुकरा के रहने वाले बीडीसी संघ अध्यक्ष इकलाख अली का कहना है कि कुकरा से बाँकेगंज के लिए चलने वाली बस के यात्रियों की कई बार इसी वजह से ट्रेन छूटी है कि बस बांकेगंज पहुँचने से पहले रेलवे गेट बंद हो गया और यात्री स्टेशन तक पहुँच नहीं पाये । बांकेगंज में रेलवे गेट से पहले एक रास्ता स्टेशनपुरवा से रेलवे स्टेशन तक जाता है , रेलवे विभाग द्वारा यदि उस रास्ते का निर्माण कर दिया जाय तो समस्या से निजात पाया जा सकता है ।”
▪️”कुकरा निवासी ग्राम प्रधान प्रतिनिधी मो. इरफान पठान उर्फ पम्मी का कहना है कि पुराना रेलवे स्टेशन कुकरा स्टेट में आता था और वह राजा साहब की देन थी । रेलवे ने जो हदबंदी की उस पर संदेह है । कुकरा की ओर से आने वाले लोगों के लिए विनायक चिल्ड्रेन एकेडमी के पास वाले रास्ते को दुरूस्त करवाया जाय ताकि रेलवे स्टेशन तक पहुँचा जा सके ।”
▪️ “प्रधान संघ के अध्यक्ष हरजिन्दर सिंह का मानना है कि अभी कम ट्रेन हैं तो इतनी दिक्कत नहीं है जब लम्बे रूट से ट्रेने चलने लगेगी तब दिक्कत ज्यादा आयेगी । उसके बाद जब इस पर मालगाड़ी चलायी जायेगी तो घण्टों गेट खुलने का इंतजार करना पड़ेगा। रोजाना हजारों की संख्या में बांकेगंज से यात्री गुजरते हैं । बाँकेगंज में एक अण्डरपास जरूरी है ।”
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
▪️▪️प्रायः दोहरे रास्ते की व्यवस्था ए और बी श्रेणी के रेलवे स्टेशन के लिए की जाती है । बांकेगंज रेलवे स्टेशन तो डी की श्रेणी में है । जब आमान परिवर्तन का कार्य हो रहा था तब किसी ने आवाज नहीं उठायी । जब रेलवे स्टेशन शिफ्ट किया जा रहा था उसी समय आवाज उठाना चाहिए था । फिलहाल आईडब्लयूए नीरज कुमार अभी छुट्टी पर हैं, आने के बाद दिखवाते हैं ।
लाल बहादुर
सहायक मंडल इंजीनियर, मैलानी