बांदा : अतिक्रमणकारियो पर गरजा बुलडोजर, चौक बाजार में चलाया अभियान

भारी पुलिस बल के साथ सिटी मजिस्ट्रेट व नगर पालिका के अफसरों ने ढ़हाया अवैध कब्जा

कई बार हिदायत के बाद भी नहीं चेते व्यापारी, अफसरों से मांगते रहे कुछ दिनों की मोहलत

भास्कर न्यूज

बांदा। सूबे में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरूआत में ही मुख्यमंत्री ने अतिक्रमणकारियों को लेकर अपना सख्त रुख दिखाया था और पूरे प्रदेश की बाजारों को अतिक्रमण से मुक्त करके लाेगों को जाम के झाम से निजात दिलाने का फरमान सुनाया था। हालांकि स्थानीय स्तर पर प्रशासन व्यापारियों के साथ सामंजस्य स्थापित करके सड़क पटरियांे से अतिक्रमण हटवाने की कवायद कर रहा है, लेकिन कुछ व्यापारी प्रशासन के आदेश को ढेंगे पर रखे हुए हैं। ऐसे में रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में प्रशासन की टीम जेसीबी मशीन के साथ शहर के मुख्य बाजार में दाखिल हुई और अतिक्रमण हटाने के काम का शुभारंभ किया।

शासन के निर्देश पर रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट केशवनाथ गुप्ता, शहर कोतवाल राजेंद्र सिंह रजावत, नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी बुद्धि प्रकाश भारी पुलिस बल के साथ शहर के महेश्वरी देवी चाैराहे पर पहुंचे। अतिक्रमण हटाने के लिए बाजार में पहुंची टीम को देखते ही व्यापारियों में हड़कंप मच गया और कुछ व्यापारी अधिकारियों से कुछ दिनों की और मोहलत देने की चिरौरी करते नजर आए। हालांकि अतिक्रमण हटाओ टीम ने दुकानों के बाहर और नाली के ऊपर बने चबूतरों व सीढ़ियों पर बुलडोजर की ठोकर मारी तो भरभराकर गिर गए। इसके पहले प्रशासन की ओर से कई बार बाजार में व्यापारियों को अपना अतिक्रमण स्वयं ही हटाने की हिदायत दी गई थी, लेकिन कुछ व्यापारियों ने ही अपना अतिक्रमण आंशिक रूप से हटाया था। रविवार को जब प्रशासन का बुलडोजर गरजने लगा तो व्यापारी अपना सामान समेटते नजर आए।

अभियान के दौरान कुछ व्यापारी नेताओं और प्रशासन के बीच तीखी झड़प भी हुई। कुछ व्यापारियों ने प्रशासन से एक दिन की मोहलत मांगी, जिस पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की औपचारिकता करके उन्हें कल तक अपना अतिक्रमण हटा लेने की चेतावनी दी।  उधर व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष संतोष अनशनकारी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की प्रशंसा की, लेकिन अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किए जाने पर आक्रोश भी जाहिर किया। कहा है कि पहले सड़क के बीच में लगे बिजली व टेलीफोन के खंभों का शिफ्ट करने की कार्रवाई की जानी चाहिए। कहा कि खंभों की शिफ्टिंग के लिए शासन से धन भी अवमुक्त हो चुका है, लेकिन नगर पालिका की लापरवाही के चलते काम शुरू नहीं हो सका। उन्होंने खंभों को शिफ्ट कराने की मांग की है।

जाम के झाम से मिल सकती है निजात

शहर के मुख्य बाजार में अतिक्रमण के चलते अक्सर की जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है, जिससे लोगों को खासी परेशानी होती है। सड़क के दोनों ओर खुली दुकानों के बाहर सजे डिस्प्ले और नाली के ऊपर बने चबूतरे व सीढियां जाम का मुख्य कारण बनती हैं। वहीं बाजार के अंदर फर्राटा भरते ई-रिक्शा भी जाम के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालांकि इसके पहले मंडलायुक्त व पुलिस महानिरीक्षक के प्रयासों से बाजार के अंदर ई-रिक्शा का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन तत्कालीन आईजी के सत्यनारायण के जाते ही आदेश भी गायब हो गया और फिर से बाजार के अंदर ई-रिक्शा और चार पहिया वाहन फर्राटा भरते हैं। शहर के लोगों का कहना है कि अतिक्रमण और ई-रिक्शा पर राेक लगे तो जाम से बचाया जा सकता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें