बाराबंकी : ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाये जाने की आवश्यकता

रामसनेहीघाट बाराबंकी। निवेशक की शिक्षा साक्षरता के द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाये जाने की आवश्यकता है। डिजिटल लेनदेन के सपने को पूरा करने में मोबाइल का बेहतर और खतरा रहित उपयोग की शिक्षा समय की मांग हैं।         

उक्त विचार दिवाकर गुप्ता पूर्व निदेशक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ ने जे बी एस महाविद्यालय मालिनपुर के सभागार में नेहरू युवा केन्द्र बाराबंकी द्वारा आयोजित अस्सी युवाओं के तीन दिवसीय आवसीय निवेशक शिक्षा, जागरूकता संरक्षण शिविर के समापन में बोलते हुए व्यक्त किये।         

श्री गुप्ता ने नेहरू युवा केन्द्र बाराबंकी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि मोबाइल आज सभी युवाओं के हाथ मे हैं किन्तु इसके खतरों की पहचान व बचने के उपाय समझना उतना ही जरूरी है क्यों की मोबाइल वर्तमान परिवेश में जरूरी है तो इसके कई नुकसान भी है जरूरत है सही इस्तेमाल करने की।         

विशिष्ट अतिथि आलोक सिंह क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी बनीकोडर ने कहा कि युवाओं के लिए सरकार ने नेहरू युवा केन्द्रव युवा कल्याण विभाग जैसे अनेक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए हैं जिनके माध्यम से युवा अपने भविष्य  के साथ बेहतर भारत निर्माण की तैयारी कर रहा है।         

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदीप सारंग सदस्य जिला गंगा संरक्षण समिति बाराबंकी ने कहा कि गांवों में निवेशक शिक्षा का प्रसार एक दूरदर्शी कदम है।       

अंतिम दिवस  प्रशिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने मोबाइल बैंकिंग, जनसंचार, युवा नेतृत्व आदि विषयों पर विस्तार से युवाओ को बताया ।       

जिला युवा अधिकारी प्रियंका चौहान के नेतृत्व निर्देशन में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में म्यूचुवल फंड, जीवन बीमा, ग्राहक बैंक सम्बन्ध, डाकघर की योजनाओं सहित भारत सरकार की योजनाओं पर चर्चा परिचर्चा सम्पन्न हुई। श्रीमती चौहान ने आभार प्रकट करते हुए युवाओं से अपील की कि अपने ग्राम की समस्याओं को समाधान देने में एक बेहतर भूमिका का निर्वाह करें।

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