बांदा : सीएमओ समेत 18 अधिकारियों व कर्मियों का रोका वेतन, मांगा जवाब

भ्रष्टाचार पर मलेरिया इंस्पेक्टर को निलंबित करने के निर्देश

डीएम के निरीक्षण में अनुपस्थित मिले अधिकारी व कर्मचारी

भास्कर न्यूज

बांदा। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। जहां सीएमओ समेत कुल 18 अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित मिले। जिनका एक दिन का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल द्वारा कार्यालय के मेडिकल बोर्ड कक्ष का निरीक्षण किया गया। जहां अशोक कुमार वर्मा वरिष्ठ सहायक व दीपक नामदेव उपस्थित पाए गए। दीपक नामदेव नामक प्राइवेट व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत रूप से डाटा इंट्री करते पाया गया। जिसके बारे में जानकारी ली गई तो वरिष्ठ सहायक द्वारा बताया गया कि यह प्राइवेट व्यक्ति हैं, लेकिन इसके द्वारा डाटा इंट्री का कार्य किया जाता है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को कार्यालय में किसी भी प्रकार का शासकीय कार्य न लिया जाए। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी एवं अशोक कुमार वर्मा वरिष्ठ सहायक से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के लेखाकार कक्ष, जेई रूम, आईसीसीसी, डीएलओ कक्ष, प्रतिरक्षण अनुभाग, डिस्टिक इंश्योरेंश सेल, डिप्टी सीएमओ कक्ष, सांख्यिक अनुभाग एवं मीटिंग हाल आदि का निरीक्षण किया गया। कार्यालय में अभिलेखों का रखरखाव अत्यधिक खराब पाया गया। कार्यालय में बने शौचालय गंदे पाए गए व जगह-जगह पर कूड़े के ढेर व जंगली पेड़ उगे पाए गए। परिसर में 14 निष्प्रयोज्य वाहन खड़े पाए गए। जिसके बारे में सीएमओ द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया।

जिलाधिकारी ने सीएमओ कार्यालय में पाई गई खामियों, गंदगी आदि पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएमओ को निर्देश दिए गए कि अभियान चलाकर कार्यालय परिसर की साफ-सफाई करवाएं और निष्प्रयोज्य वाहनों की नियमानुसार नीलामी की कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। जिलाधिकारी अनुराग पटेल सीएमओ कार्यालय के बाद पुराने भवन में संचालित जिला मलेरिया कार्यालय का निरीक्षण किया गया। जहां राजकुमार मलेरिया इंस्पेक्टर उपस्थित मिले, लेकिन कार्यालय में अत्यधिक गंदगी पाई गई। कई बंद बोरे रखे पाए गए। जिन्हें खुलवाकर देखा तो उसमें डस्टबिन, प्लास्टिक बाल्टी रखी हुई पाई गई। बताया गया कि यह सीएमएसडी स्टोर से सामग्री प्राप्त हुई है जिन्हें स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाना है।

डीएम ने जब यह जानना चाहा कि अब तक यह सामग्री वितरित क्यो नहीं की गई तो मलेरिया इंस्पेक्टर कोई संतोषजनक जवाब न दे सके। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। निरीक्षण के दौरान भारी खामियां व गोलमाल पाया गया और सभी स्टाक रजिस्टर, वितरण रजिस्टर पूर्ण नहीं पाए गए। 85 लीटर हाइपो क्लोराइड, 131 टेंमफोस, 38 लीटर मिट्टी का तेल एवं 97 तौलियों का गबन किया जाना भी पाया गया। इन गंभीर आरोपों के चलते जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल प्रभाव से मलेरिया निरीक्षक राजकुमार को निलंबित करने के निर्देश दिए।

आधे घंटे बाद कार्यालय पहुंचे सीएमओ

डीएम अनुराग पटेल जब मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे तो सीएमओ डा.एके श्रीवास्तव करीब आधा घंटे बाद कार्यालय में उपस्थित हुए। वहां पर तैनात संविदा कर्मचारी डा.रामवीर सिंह, डा.धीरेंद्र वर्मा, सोशल वर्कर कुलसुम हाशिमी, एफएलसीएनसीडी सेल अरविंद गुप्ता व आशीष कुमार भी अनुपस्थित मिले।

अनुपस्थित मिले अधिकारी व कर्मचारी

डीएम अनुराग पटेल द्वारा सीएमओ अनिल कुमार श्रीवास्तव समेत जिन स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोककर जवाब मांगा गया है उनमें डा.मनोज कुमार कौशिक, डिप्टी सीएमओ डा.साकिब अनवर, डा.एनके सिन्हा एवं डा. पीएन यादव, डा.आरके मौर्य प्रशासनिक अधिकारी, आज्ञा राम एआरओ, महेंद्र द्विवेदी वरिष्ठ सहायक, विष्णु लेखरा लेखाकार, राजेंद्र गुप्ता व आफताब खां वाहन चालक शामिल हैं।

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