शहरी क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में यही हालात
लोगों के लिए हैंडपंप बने एक मात्र सहारा
भास्कर न्यूज
बांदा। गर्मी शुरू होते ही शहर की जलापूर्ति भी लड़खड़ा गई। इन दिनों अधिकांश इलाकों में पानी के लिए हायतौबा मची है। जलापूर्ति लड़खड़ाने से खिन्नी नाका के लोग पिछले तीन दिनों से पानी की बूंद के लिए तरस रहे हैं। दूर-दराज लगे हैंडपंप ही लोगों के लिए एक मात्र सहारा बने हैं।
जनपद में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में एक-एक पानी की बूंद बहुत महत्व रखती है। शहर में कई जगहों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में राहगीरों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खिन्नी नाका स्थित शिशु शिक्षा निकेतन स्कूल के पीछे वाली गली पिछले तीन दिन से पेयजल आपूर्ति ठप है। यहां के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत कर रहे हैं। जल संस्थान द्वारा कुम्हार मुहाल में लगे ट्यूववेल से मात्र सुबह ही जलापूर्ति की जा रही है। दूसरी तरफ बुद्धराम कुआं आश्रम स्थित कुएं स्थित ट्यूबवेल से हो रही जलापूर्ति बेमतलब है। राम बाग चैराहा में लगे स्टैंड पोस्ट पर दिन भर बेवजह पानी बह रहा है। जिला उपभेक्ता संरक्षण न्यायालय रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि इस बाबत जल संस्थान अधिकारियों से शिकायत बताई, लेकिन अफसरों ने कोई तवज्जो नहीं दी।
उन्होंने जिलाधिकारी से समस्या निराकरण की मांग की है। कहा है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर समाजसेवा का दावा करने वाले समाजसेवी व नेतागण भी बढ़ते तापमान के साथ गायब हो गए हैं। भीषण गर्मी और रिकार्ड तोड़ तापमान के बावजूद भी कहीं भी सार्वजनिक प्याऊ आदि की व्यवस्था नहीं की गई और न बिजली की अघोषित कटौती पर ही किसी ने सवाल उठाया। कहा है कि भीषण गर्मी के मौसम में सोशल मीडिया पर बरसाती मेढ़क की तरह फुकदने वाले समाजसेवी, वरिष्ठ व युवा नेता अपने घरों में दुबक कर रह गए हैं।