गांव हसनपुर में अवैध खनन में लिप्त सात ट्रैक्टर, दो जेसीबी मशीन, बोलेरो सीज

भास्कर समाचार सेवा

धौलाना। औद्योगिक क्षेत्र ‌ से सटे गांव हसनपुर लोढ़ा की फ्रीहोल्ड भूमि एक बड़े कोलोनाइजर की भूमि में मिट्टी भराव करा रहे खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तहसील प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सात ट्रेक्टर ट्राली,दो जेसीबी मशीन,एक बोलरो सीज की है।‌‌‌‌‌‌‌‌ एसडीएम धौलाना सुनीता सिंह ने बताया कि शनिवार को वह सम्पूर्ण समाधान दिवस में समस्याएं सुन रही थी कि उन्हें सूचना मिली कि हसनपुर लोढ़ा में मिट्टी खनन कर भराव चल रहा है। सूचना पर तत्काल प्रभाव से टीम का गठन किया गया। जिसमें नायब तहसीलदार वैशाली अहलावत, राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार, लेखपाल टिंकू राम, चौकी प्रभारी संदीप कुमार मौके पर पहुंचे। टीम को देख मौके पर खनन कर रहे लोगों में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में मिट्टी से लदी ट्रालियों को खाली कर दिया गया। इस बीच पुलिस ने एक ट्राली मिट्टी से भरी रोक ली।

जांच के दौरान पता चला कि ग्राम समाज की भूमि से मिट्टी खनन करने के बाद एक फैक्ट्री के निर्माण के लिए जमीन का अवैध रूप से भराव चल रहा था। इस दौरान जेसीबी मालिक और एसडीएम के बीच तीखीं नोकझोंक भी हुई। एसडीएम सुनीता सिंह ने बताया कि दो जेसीबी, सात ट्रैक्टर और बोलेरो सीज की गई है। मिट्टी से भरा ट्रक अचानक खराब होने के कारण पुलिस की देखरेख में मौके पर छोड़ा गया है। मौके की वीडियोग्राफी कराई गई है। जिसके आधार पर मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ नियमानुसार रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

सीज वाहनों में अधिकांश पर नंबर नहीं,नायब तहसीलदार ने वाहनों के इंजन नंबर जांच रिपोर्ट में दर्ज कराने के दिए निर्देश

थाना क्षेत्र में खनन माफिया पुलिस और प्रशासन को गुमराह करने के लिए खनन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर नंबर तक दूर दूर तक दिखाई नहीं देते हैं। ऐसा ही नजारा शनिवार को उस दौरान देखने को मिला जब हसनपुर लोढ़ा में हुई कार्रवाई के दौरान सामने आई है। थाना पहुंचे सीज किए गए वाहनों में से मात्र एक वाहन पर ही नंबर प्लेट थी। बता दें बिना नंबर के वाहनों का प्रयोग करने के पीछे खनन माफिया किसी भी तरह से पीछे नहीं हैं।जानकारो का कहना है कि सीज के दौरान अधिकारी नंबर प्लेट नहीं होने के कारण केवल ट्रैक्टर सीज दिखा देते है। जिसके चलते खनन माफिया पुलिस से मिली भगत कर वाहन को सुपुर्द कर देते है और सीज बेहतर वाहन को ले जाते है। हालांकि थाना परिसर में वाहनों के मालिकों और पुलिस कर्मियों के बीच वाहन बदलने को लेकर होने वाली बातचीत प्रकाश में आने पर नायब तहसीलदार ने वाहनों के इंजन नंबर जांच रिपोर्ट में अंकित करने के लेखपाल को निर्देश दिए।

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