यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के पास सुरक्षा का ऐसा चक्र है कि यह सुरक्षा घेरा किसी अभेद किले से कम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद योगी की सबसे बड़ी सुरक्षा है। सीएम के पास जेड प्लस सुरक्षा है। सीएम योगी जिस गाड़ी से चलते हैं, वह बुलेट हीं नहीं, बम प्रूफ भी है। हर कार्यक्रम में जहां जाते हैं, 15 गाड़ियों की फ्लीट में उनकी गाड़ी रहती है। आज सीएम मेरठ में क्रांति दिवस के अवसर पर अमर शहीदों को नमन करेंगे।
जानिए किस प्रकार की है CM सुरक्षा
पूर्व में सीएम की सुरक्षा में भी रहे एक अधिकारी ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा विश्व स्तरीय सुरक्षा जैसी है। योगी आदित्यनाथ दूसरी बार यूपी के CM हैं। वह हिंदुत्व के लोकप्रिय नेता भी हैं। जिन्हें कट्टरपंथी संगठनों से पूर्व में कई बार धमकी भी मिल चुकी है।
CM योगी के साथ हर समय NSG (नेशनल सिक्टयोरिटी गार्ड) के 25 कमांडो रहते हैं, यानी यदि इनकी शिफ्ट 8 घंटे की है तो कुल मिलाकर 75 कमांडो तैनात हैं। यह ब्लैक वर्दी में रहते हैं। ब्लैक वर्दी पर बैज लगा होता है। इनके पास अत्याधुनिक वैपेन के साथ बीपी जैकेट भी रहती है। यह कमांडो सीआरपीएफ, आईटीबीपी के जवान होते हैं, जो हर स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग लिए होते हैं।
जेड प्लस सुरक्षा का क्या है राज
सीएम योगी को गृह मंत्रालय से जेड प्लस सुरक्षा मिली है। एसपीजी के बाद यह देश में दूसरी बड़ी सुरक्षा मानी जाती है। यह सुरक्षा 2017 से मुख्यमंत्री को मिली है। इसमें 28 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। एसपीजी, एनसीजी कमांडो के अलावा यूपी आर्म्ड पुलिस के जवान भी शामिल हैं।
इस तरह होता सुरक्षा घेरा
सीएम जहां जाते हैं, वहां के आईजी, डीआईजी और कप्तान खुद सुरक्षा संभालते हैं। कार्यक्रम स्थल, मंच, हेलिपैड पर 4 सुरक्षा रिंग बनाए जाते हैं। बाहर की तरफ लोकल पुलिस जिसमें एक एसपी, एक एडिशनल एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारी सुरक्षा संभालते हैं। दूसरा घेरा आउटर रिंग का रहता है, जिसमें सीएम सिक्योरिटी रहती है।
तीसरा घेरा NSG कमांडो संभालते हैं। चौथे घेरे में सीएम के पास NSG कमांडो ही रहते हैं। स्थानीय तौर पर PAC समेत 1200 से 1500 जवान अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाते हैं। 800 मीटर से एक किमी के दायरे में सुरक्षा कड़ी रखी जाती है।
NSG कमांडो के पास ब्रीफकेस
एनएससी कमांडो के पास हमेशा ही एक ब्रीफकेस साथ रहता है। जेड प्लस सुरक्षा में तैनात कमांडो बहुत ही फुर्तीले और पैनी नजर एक-दूसरे पर रखते हैं। जैसे ही खतरे जैसी कोई बात होती है तो कमांडो ब्रीफकेस को खोल देता है। इसमें बुलेट प्रूफ कवर होता है जो वीआईपी को ढक लेता है। किसी भी स्थिति में वीआईपी का बचाव किया जा सकता है।
फ्लीट में जानिे कितनी गाड़ियों का होता घेरा
सीएम की फ्लीट में 15 गाड़ी रहती हैं। जहां भी वह जाते हैं उस हाईवे और मार्ग को 5 से दस मिनट पहले ही स्थानीय पुलिस खाली करा लेते हैं। यानी पुलिस किसी भी वाहन को मार्ग पर नहीं आने देती। जहां जहां कट होते हैं वहां पुलिस की सुरक्षा लगाई जाती है।
इससे कोई वाहन फ्लीट के पास न फटक सके। सीएम की गाड़ी बुलेट और बम प्रूफ होती है, फ्लीट में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी भी रहते हैं। सीएम सिक्योरिटी, जेड प्लस सुरक्षा, स्थानीय पुलिस, एंबुलेंस फ्लीट में रहती है। फ्लीट में रिजर्व गाड़ी भी रखी जाती है।
जानिए कार्यक्रम सुरक्षा चक्र
सीएम के कार्यक्रम का सुरक्षा चक्र भी बहुत खास है। हेलिपैड पर एक एडिशनल एसपी या डीएसपी रैंक का अधिकारी लगाया जाता है। यहां स्थानीय पुलिस के शस्त्र धारी जवान पीछे कर दिए जाते हैं सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीएम सिक्योरिटी और NSG पर रहती है। मंच या अन्य कार्यक्रम स्थल पर एक एएसपी, कम से कम 2 डीएसपी लगाते जाते हैं।
मंच और कार्यक्रम में कुल मिलाकर एक कमांडेंट रैंक के अधिकारी, 5 से 6 एडिशनल एसपी, 15 सीओ अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाते हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास इंटेलीजेंस और बम निरोधक दस्ता पहले से अलर्ट रहता है। कार्यक्रम के 800 मीटर के दायरे में पुलिस मकानों की छत से भी निगरानी करती है। स्थानीय पुलिस के अलग-अलग पूरी सुरक्षा में 1500 जवान लगाए जाते हैं। दूसरे जिलों से पुलिस फोर्स लगाया जाता है।